धनतेरस की शुभकामना

अवतार लिए धन्वंतरि सुधा कुम्भ ले हाथ।
आरोग्य के हैं देवता नमित करो निज माथ।।
आधि व्याधि सब मिटे होय जगत कल्याण।
धनतेरस की शुभकामना विनय करे प्रदान।।
धनपति श्री कुबेर की कृपा रहे दिन रात।
विनयचंद की प्रार्थना सबजन हित सौगात।।

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Responses

    1. आपने समृद्ध भाषा का प्रयोग करते हुए
      सागरमंथन से प्रकट हुए धंवन्तरि वैद्य जी के दर्शन अपनी कविता में कराये हैं
      एवं कुबेर जी जो धन धान्य के कुलपति हैं की कृपा बनाए रखने की बात कही है जो श्रेयस्कर है

  1. अति सुन्दर रचना है भाई जी, आरोग्य के देवता धनवंतरी जी अमृत कलश ले कर प्रकट हुए थे समुंद्र मंथन में और धन के देवता कुबेर जी का भी आह्वान है ।

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