पूस की रात
शायरों का हुआ गर्म हर लफ़्ज़
इस सर्द पूस की रात के महीने में
दिल भी बहका बहका सा लागे
इस सर्द पूस की रात के महीने में
गुड़ सा मीठा अदरक सा तीखा
पूस की रात का यह महीना
मैं भी रहूं खोया खोया इश्क में तेरे
इस पूस की रात के महीने में
सुन्दर
Nice
N
Sahi h
Good
बहुत सुन्दर।