भोजपुरी गजल- मन भईले बौराइल| |

भोजपुरी गजल- मन भईले बौराइल| |
काढ़ी करेजा हथेली थमाइ तबो ना उनके बुझाइल |
प्यार मे उनका पागल भईली दिल भइल घाइल |
हटेला ना अँखियाँ से रूपवा तोहार का करी हम |
हंसला से मुहवा मोती झरे लेली जान मुसकाइल |
तोहरा जोहत सांझ ढली गईली हो गईले अनहार |
वादा कइके काहे ना अइलू हमरो मन मुरझाइल |
लहरावेलु कन्हिया कारी केसिया बदरा लगले लजाये |
चाल चलेलु हिरनी जस जंगल मन भईले बौराइल|
याद मे तोहरी बरसे नयन बहरा सावन के फुहार |
आके हमके गरवा लगा ल मनवा फुले ना समाइल |
सुना सुना लागे जग बिना तोहरे हिया हहरत बा |
जिनगी आई बहार गोरी जब आके अंगना सजाईल|

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

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Responses

  1. तोहरे हिया हहरत, गईली हो गईले, आदि में अनुप्रास से अलंकृत, चाल चलेलु हिरनी जस, में उपमा व अलंकार का समन्वय से अलंकृत सुन्दर श्रृंगारमयी रचना है। बहुत खूब

    1. सतीश पाण्डेय जी राऊर हृदयतल से आभार बा हमार रचान के बड़ाई करे खातिर

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