रंग भरी यह कविता (हरिगीतिका)
मेरे गीतों में बह आई, रंग भरी नव सरिता,
खूब बहारें भरकर गाई, रंग भरी यह कविता।
खूब अबीर गुलाल उड़ायें, गायें और बजायें।
जीवन की सारी उलझन को, आओ दूर भगायें।
खुश रहना ही असल जिन्दगी, है सबको समझायें,
सब लोगों को हर्षित कर दें, खुद मन में हरषाएँ।
होली पर रंगों की कविता, वाह
बहुत बहुत धन्यवाद
Very nice poem
धन्यवाद
बढ़िया रचना, वाह
सादर धन्यवाद
मेरे गीतों में बह आई, रंग भरी नव सरिता,
खूब बहारें भरकर गाई, रंग भरी यह कविता।
____________ बहुत खूब, होली के त्यौहार पर बहुत सुंदर रंग और गुलाल से सजी हुई खुशियों का संदेश देती हुई कवि सतीश जी की अद्भुत कविता , अति उत्तम लेखन
खुश रहना ही असल जिन्दगी, है सबको समझायें,
सब लोगों को हर्षित कर दें, खुद मन में हरषाएँ।
JAY ram jee ki
beautiful poem
मेरे गीतों में बह आई, रंग भरी नव सरिता,
खूब बहारें भरकर गाई, रंग भरी यह कविता।
खूब अबीर गुलाल उड़ायें, गायें और बजायें।
तमाम रंगों से रंगी होली की कविता