Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
गुरू वन्दन
गुरु वन्दन हम सब गुरु के गोद में छात्र है गुरु के ज्ञान में आओ हम सब गुरु वन्दन करे चरण स्पर्श अभिनन्दन करे। गुरु…
स्वागत कैसे करें तुम्हार
कान्हा तेरो स्वागत है बारम्बार ! जनमाष्टमी आए सबके जीवन में हर बार ! मोर मुकुट तेरो सिर पे सोहे तू जन -जन के मन…
नही मिलते
ये रास्तें है कैसे हमसफ़र नही मिलते, छूट गए जो पीछे उम्र भर नही मिलते! सूख चूके है उनके दीदार के इंतजार में, हरे-भरे अब…
गुरु महिमा
गुरु अर्चना ,गुरु प्रार्थना ,गुरु जीवन का आलंबन है गुरु की महिमा ,गुरु की वाणी जैसे परमात्मा का वंदन है प्रेम का आधार गुरु है…
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Nice
👌👌