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देखो कैसा कोरोना का जग में कहर हो गया
देखो कैसा कोरोना का जग में कहर हो गया ? जिसे अपना बनाया वही बेगाना शहर हो गया।। लेके दिल में तमन्ना था आया यहाँ।…
योग दिवश पर विशेष
योग के अलौकिक गुणों के माध्यम से कोरोना को दें मात रोगी के शरीर को योग के माध्यम से धीरे धीरे रोग मुक्त कर दें…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कविता : हौसला
हौसला निशीथ में व्योम का विस्तार है हौसला विहान में बाल रवि का भास है नाउम्मीदी में है हौसला खिलती हुई एक कली हौसला ही…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
बहुत सुन्दर रचना
डर कर घबरा कर कोई भी फैसला उचित नहीं होता बल्कि बुद्धि तथा विवेक से किए गए फैसलों पर आगे चलकर पछताना नहीं पड़ता मुस्कुराहट मानसिक तनाव को तो दूर करती ही है साथ में हमारे रिश्तो को भी परिपक्व बनाती है कोरोना जैसी महामारी में कोरोना से मरने वालों की संख्या कम है जबकि इससे घबराकर मानसिक रोग से पीड़ित होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है ऐसे में घबराना किस बात का कोई भी कठिनाई हो उसका सामना मुस्कुराकर ही करना चाहिए
बहुत सुंदर, उत्साह जगाती बेहतरीन पंक्तियाँ
सुंदर
बहुत सुंदर विचार