इलज़ाम #2Liner-82

ღღ__कुछ और इलज़ाम बाकी हों, तो वो भी लगा दो “साहब”; . अभी ना-काफ़ी हैं सितम तुम्हारे, मोहब्बत में, जाँ से जाने को!!…‪#‎अक्स‬ .

“रंग” #2Liner-79

. ღღ__क्यूँ उड़ा-उड़ा सा लगता है, तुम्हारे चेहरे का रंग “साहब”; . सब लोग तो कर रहे हैं, कि रंगों का त्यौहार आया है !!…..‪#‎अक्स‬…

“सज़ा”#2Liner-78

. . ღღ__ख़ुदा से माँगते क्यूँकर, भला हम, दुआएँ उनके रोने की; . वो इश्क करने लगें किसी से, सज़ा को इतना ही काफी है!!…..‪#‎अक्स‬…

“सज़ा”#2Liner-46

ღღ__सज़ा में एक ही लफ्ज़ है, तेरे हर इक गुनाह का मेरे पास; . कि तुम इतने मासूम हो साहब, जाओ “माफ” किया तुम्हें!!……‪#‎अक्स‬ .…

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