कैसी ये ज़िन्दगी
हर एक कश के साथ धुंए में अपनी ज़िन्दगी उड़ाते हैं, देखो आजकल के मनचले कैसे अपने कदम भटकाते हैं, पाते हैं कितने ही संस्कार…
हर एक कश के साथ धुंए में अपनी ज़िन्दगी उड़ाते हैं, देखो आजकल के मनचले कैसे अपने कदम भटकाते हैं, पाते हैं कितने ही संस्कार…
जिनको ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया, जिनको देकर सहारा आगे बढ़ना सिखाया, वो सब आज हाथ छुड़ाने लगे, देखो बूढ़ा कह कर वो सताने लगे,…
तू समन्दर मैं तेरा किनारा बनूं, तू जो बिखर जाए तेरा सहारा बनूँ, मुझसे टकराये तू, मुझमे मिल जाए तू, तुझमे बस जाऊं मैं, मुझमे…
किनारे पर भी रहूँ तो लहर डुबाने को आ जाती है, बीच समन्दर में जाने का हौंसला हर बार तोड़ जाती है, दिखाने को बढ़ता…
ना तन्हाई की समझ है ना काफिले में चलने का सलीका मुझे, मगर ठहरकर कभी मन्ज़िल मिलती नहीं, सो अक्सर राहों पर बढ़ता रहता हूँ…
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये। गुलामी में भी हमारे दिल में देश की शान काफी थी, तोड़ देते थे होंसला अंग्रेजो का हममे जान काफी थी,…
गुलामी में भी हमारे दिल में देश की शान काफी थी, तोड़ देते थे होंसला अंग्रेजो का हममे जान काफी थी, पहनते थे कुर्ता और…
Tap that things resting inside you, Display that things hiding inside you, Call that things sleeping inside you, Pull out that things crooning inside you,…
Tap that things resting inside you, Display that things hiding inside you, Call that things sleeping inside you, Pull out that things crooning inside you,…
आजाद हैं हम या अफवाह है फैली चारों ओर आजादी की, जंज़ीरों में बंधी है आजादी या बेगुनाही में सज़ा मिली है आजादी की, हकीकत…
Tap that things resting inside you, Display that things hiding inside you, Call that things sleeping inside you, Pull out that things crooning inside you,…
जितने भी ख़्वाब मेरे झूठ के बहाने निकले, उतने ही सच हकीकत के सिरहाने निकले। जितने दुश्मन मेरे घर के, किनारे थे मौजूद, उतने ही…
मांगे जब भी तब उस बेटी की हर हरमाइश् पूरी हो, ऐ खुदा काबिल बना दे, हर बाप को इतना के उसकी कभी जेब ना…
अ से अ: और क से ज्ञ जब लिखने लगा था मैं, माँ को मेरी पढ़ने वाला बच्चा दिखने लगा था मैं, फिर शब्दों को…
रात के अँधेरे में जो ख़्वाबों को हकीकत बनाते हैं, वो सुबह के उजालों में अकेले ही खड़े नज़र आते हैं, और जो जागती हुई…
अ से अ: और क से ज्ञ जब लिखने लगा था मैं, माँ को मेरी पढ़ने वाला बच्चा दिखने लगा था मैं, फिर शब्दों को…
राही अंजाना है कहीं अंजाना ही रह ना जाए, ज़िन्दगी के इस जटिल सफर में कहीं बेमाना ही रह ना जाए, उठाते हैं कुछ अपने…
Leave the satires talks coming around you, Keep the vital things running around you. Be with the mutation around you, Get rid of the situations…
रोकर खुद वो दूसरों को हंसाता है, देखो वो जोकर कैसे अपना किरदार निभाता है, सहज नहीं होता होगा यूँ, अपने दर्द छुपाना, कितना मुश्किल…
बहाई थीं बचपन में जो कश्तियाँ सारी, आज समन्दर में जाकर वो जहाज हो गई है, चलाई थीं सड़कों पर जो फिरकियाँ सारी, आज समय…
The obstacles can shake your personality but can not sink it. The darkness can hide your phantom but can not wet it. So don’t think…
जला दो इतने दीपक ज़माने में, के किसी कोने में अब रात की कोई स्याही ना दिखे, दिखा दो सच के आईने ज़माने को ऐसे,…
माँ की गोद छोड़, माँ के लिए ही वो लड़ते हैं, वो हर पल हर लम्हां चिरागों से कहीं जलते हैं, भेज कर पैगाम वो…
The obstacles can shake your personality but can not sink it. The darkness can hide your phantom but can not wet it. So don’t think…
सच के समन्दर में झूठ की कश्तियाँ डूबती नज़र आती हैं, जहाँ तलक नज़र जाती है बस सच की कश्तियाँ नज़र आती हैं, बढ़ते झूठ…
बीत गया सुकूँ का बादल अब शिकन का मौसम आया है, जो लगता था आशियाना अपना सा कभी, आज उड़ कर आये गैर परिंदों का…
आज दिल में छुपे हर राज़ लिखने बैठा हूँ, तुझको अपने ख़्वाबों किस्सों का सरताज लिखने बैठा हूँ, एतराज़ हो कोई तो मुझसे खुल कर…
लाखों की भीड़ में भी तेरे कदमों की आवाज़ पहचान लेता हूँ, मैं तेरी खामोश आँखों में छुपा हर दर्द पहचान लेता हूँ, यूँ तो…
चढ़ना सीख लो “राही” ऊँची चोटी पर, मगर उतरने का हुनर भी याद रखना, बनते हैं तो बन जाए दुश्मन दोस्त पुराने, मगर दोस्ती की…
तन्हाई के आलम में जब भीड़ से हट कर देखा, सोंच का समन्दर कितना गहरा है ये अनुभव कर देखा, चलते ही जाओ राहों पर…
अक्सर अँधेरे में फंस कर ही रौशनी का एह्साह होता है, एक छोटा सा दीपक ही अँधेरे को मिटाने को पर्याप्त होता है, यूँ तो…
कलम से लिख दूँ नाम जो सरेआम हो जाए, ऐसा कोई नहीं है जो फिर अब्दुल कलाम हो जाए, गीता और कुरान को जो रखते…
जब स्वतंत्र भारत राज तो और स्वतंत्र हैं विचार तो, फिर घिरे हुए है क्यों सुनो तुम आतंक में भारतवासियों, वीर तुम बढ़े चलो अब…
बा मुश्किल छोड़ जाती थी वो माँ मुझे जिस मकान में, आज सूना है घर का हर एक कोना उस मकान में, सुनाती थी दिन…
धुएं से भरे चूल्हे में माँ का वो रोटी बनाना, यूँही नहीं है माता का मेरी ममता लुटाना, आँखों से बहाती है आंसू फिर हांथो…
अब किताबें सीने पर लेटकर सोती नहीं हैं, उंगलियां मोबाइल से एक पल को जुदा अब होती नही हैं, लगाते थे लोग महफिलें कभी खामोशियां…
Shakun Saxena उछाल उछाल कर पापा मुझे दिल्ली दिखाते थे, हंस हंस कर पापा को मैं खूब रिझाती थी, भरोसे का अटूट रिश्ता था हमारा,…
अपनी सोंच के समन्दर से ज़रा, बाहर निकल कर तो देख, उसको पाना है तो ज़रा प्रह्लाद बन कर तू देख। अपनी किस्मत के भरोसे…
ख्वाइशें भी हैं और कुब्बत भी है छू लेने की बुलंदियां , मगर, रौंदने का दूसरों को हुनर मैं कहाँ से लाऊँ, जो हर कदम…
कदम कदम बढ़ा रहे हैं, अपनी छाती अड़ा रहे हैं, कश्मीर की धरती पर वो सैनिक अपनी, माँ का गौरव बढ़ा रहे हैं, तोड़ रहे…
चलो मिलकर एक नया मुल्क बनाते हैं, जहाँ सरहद की हर दिवार मिटाते हैं, छोड़ कर मन्दिर मस्ज़िद के झगड़े, हरा और भगवा रंग मिलाते…
धरती माँ फिर त्रस्त हुई हैं आतंकी गद्दारों से, खेल लाल रंग की होली अब, धरती माँ को मुक्त करो, बढ़ो वीर तुम खूब लड़ो…
डूबते है लोग तो तिनके का सहारा मांगते हैं, कितनी अजीब है ये दुनिया जहाँ लोग, टूटते हुए तारों से भी दुआ मांगते हैं, जहां…
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