दुश्मनी ले रहे हो बिना काम के।
दुश्मनी ले, रहे हो बिना काम के!! ना तुम कुछ ले जा पाओगे, ना हम कुछ ले जा पायेगे।। केवल दो गज के कपड़े मेरे…
दुश्मनी ले, रहे हो बिना काम के!! ना तुम कुछ ले जा पाओगे, ना हम कुछ ले जा पायेगे।। केवल दो गज के कपड़े मेरे…
कितनी भी धूप हो, कितनी भी ठण्ड हो काम पर अपने लगे ही रहते दिन हो या रात हो,सुबह हो शाम हो खेत पर हल…
गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू हुई हैं बच्चों में नई लहर दौड़ उठी है खेलेंगे -कूदेंगे अब दिन भर जमकर मस्ती और मस्ती खुलकर करेंगे दीदी…
जड़ों को फैलाये मैं हर पल को पकड़ रहा हूँ, देखो किस तरह मैं खुद पर ही अकड़ रहा हूँ, आया तो था मैं कुछ…
कभी ठीक से अपने ही बिछाने पर सो भी तो नही सकते, ए ज़िन्दगी महसूस तो कर सकते है पर छू भी तो नही सकते काश अब ये भी…
उस रोज़ से रात भी दिन सी लगने लगी है, जिस रोज़ से आकर वो मुझसे मिलने लगी है, पहले तो सो जाता था मैं…
परिन्दा कैद से छूटा नही है छुडाने कोई भी आता नही है बहुत खामोश है दरिया के जैसे बहुत बेचैन है कहता नही है दिवाना…
तन क्या मिट्टी का ढेला जीवन नश्वर कुछ पल का खेला फिर भी क्यों तू इतराता है नहीं टिकेगा ये दुनिया का मेला
हिल रही उन्माद में, ये धरती आज है, हो चली है आंख, बनके अब आवाज है, कारवों पे कारवा कर रहा आगाज है ।
उल्झे हुए रास्तो से, मुझे अंजाम तक जाना हे, मंज़िल ना जाने कहा गुम हे, ना जाने किस राह गुज़र जाना हे.. मे थका हारा…
देख गुब्बारे वाले को जब बच्चे ने आवाज़ लगाई दिला दो एक गुब्बारा मुझको माँ से अपनी इच्छा जताई। देखो न माँ कितने प्यारे धूप…
कैसी ये दुनिया बनाई प्रभु ने सब वक़्त के साथ जिए जा रहे हैं ऊँगली पकड़ के चलना सीख कर कन्धों के सहारे चले जा…
सबकी रातों में ख्वाबों की पहरेदारी रहती है, पर मेरी आँखों में खाली जिम्मेदारी रहती है, कहता हर शख्स है खुल कर दिल की अपने,…
डर के साये में खुद को दबाये बेटियाँ रहती हैं, बहुत कुछ है जो खुद ही छुपाये बेटियाँ रहती हैं, अपने को अपनों से पल-पल…
आखरी उम्मीद थी वो भी टुट गई। तुझे से ही उम्मीद थी —- और तु ही हमको छोड़ गयी। एक आखरी उम्मीद थी वो भी…
तुमने उकटी है मेरी औकाद तुमने उकटी है मेरी औकाद तेरा भी कोई उकटे गा। अब मेरी बद्दुआएँ पीछे करेगी, हालत को कुछ एेसे बन…
संस्कारों के बीज यहाँ पर अक्सर बोये जाते हैं, सम्बंधों के वृक्षों पर नये पुष्प संजोये जाते हैं, मात-पिता, दादा-दादी और भाई बहन के नातों…
मिलने से पहले इतना मत घबराया करो, हर बात को यूँ मुझसे न बताया करो, देखना है गर उस खुदा की रहमत तो, सर ही…
छू कर नहीं देखोगे तो सपना ही लगेगा, इस मिट्टी सा तुमको कोई अपना नहीं लगेगा।। – राही (अंजाना)
अर्जियां लाया हूँ लिखकर चेहरे पर अपने, कलम को अपनी ज़रा विश्राम दिया है, झुकाया नहीं है आँखों को तेरे दर पर आज, पलकों को…
मोबाइल की उपस्थिति में किताबों की अनुपस्थिति लग रही है, जिंदगी छोटे से गैजेट्स में डिजिटली कैद लग रही है।। – राही (अंजाना)
एक मुक्तक श्री कलाम साहब के लिए – कोई उस खुदा को जाकर मेरा पैगाम दे दो , मेरे देश भारत को तुम उसका ईनाम…
ख्वाइश तो है कि आसमां को छुऊँ लेकिन जमी से मुझे ज्यादा लगाव है।
*“प्यार की निशानी “* ^^^^^^^^^^^^–^ गीतकार जानकीप्रसाद विवश मेरा हर शेर , तेरे प्यार की निशानी है। प्यार तेरा , मेरे जीवन की अमर कहानी…
*दर्द से नाता* ******** गीतकार- जानकीप्रसाद विवश दर्द का जिंदगी से नाता है , बेहिसाबी से दर्द भी इसे निभाता है। न किसी को है…
जवाब… बस देती ही रही हूं जवाब… घर जाने से लेकर घर आने का जवाब… खाने से लेकर खाना बनाने का जवाब… बस देती ही…
ख़्वाबों से बाहर निकल के देखते हैं, चलो आज हकीकत से मिल के देखते हैं, बहुत दिन हुए अब छुपाये खुद को, चलो आज सबको…
हर पल मेरी परवाह करते थकती क्यों तू न है, माँ मुझको इतना बतला दे तेरा भी क्या सपना है।। चंदा मामा के किस्से…
माँ माँ! तुम बहुत याद आती है, जब मै अकेले मे होता , आपका चेहरा नजर आता आँसु को रोक ना पाता ।। मेरी अब…
मेरे बातो पर उनको विश्वास नही होता, चाहे कुछ भी हम कर ले मेरे बातो पर उनको विश्वास नही होता।। एक पागल मै हूँ उन्हे…
यूं तो अरमानों के इरादे भी परेशान हैं, पानी की बूँदें भी आँखों की बारिश से हैरान हैं| पर जनाब हमारी गुस्ताखियों की भी हद…
एक मां ही तो है जो अब भी अपनी लगती है वरना इस परायी दुनिया में कौन अपना है
कुछ भी नहीं छुपाता हूँ मैं माँ को सब कुछ बताता हूँ, माँ मुझ पर प्यार लुटाती है मैं सब कुछ भूल जाता हूँ, मैं…
“माँ” कितनी बार धुप मे खुन को जलाई तुने “माँ” मेरी लिए चंद रोटियाँ लाने मे। कितनी बार तुने खुशी बेच ली “माँ” तुने मुझे…
सुबह के चार जैसे ही बजते हैं आँखें उसकी खुल जाती हैं इधर से उधर,उधर से इधर साफ़ सफाई से शुरुआत है करती खाना बना…
आई तुझ्यासाठी मी काय लिहू, आणि किती लिहू, तुझ्या महितीसाठी शब्दच अपुरे आहेत, तुझ्यासमोर सगळे जगच फिके आहे।। आई तुझ्या बद्दल बोलायला मला शब्दच उरणार…
दिल की बातो पर उनको एतबार नहीं होता। चाहे कुछ भी करले उन्हें हमसे प्यार नहीं होता।। एक हम हैं उन्हें याद हर पल करते…
रुलाता भी नहीं और खुश रहने भी नही देता। ख्वाबो मे आने का वादा कर सोने नही देता।। बड़े बे अदब और बेरहम है हमसफर…
मिली मुझे खुशियाँ (“रहस्य:) देवरिया मेरे होठों कि हॅशी तेरे आनें से है, मिली मुझे खुशीयाॅ तेरे बहाने से है,, “””””””” मेरे लबों कि मुस्कुराने…
एक और ग़लत आंखों में ख्वाबो को सजाने की ” रहस्य ” देवरिया आंखों मे ख्वाबो को सजाने की हिमाकत ना करते। काश दिल में…
आज ज़िंदगी उस मुक़ाम पर हैं जहाँ दिल के टुकड़े हो गये औऱ ख़्वाब मुक़म्मल हो रहे हैं… राजनंदिनी रावत रावत-राजपूत
मित्रो , ईश्वर के आशीर्वाद से , आज मेरी रचना , एक बार फिर राष्ट्रीय अखबार “दैनिक वर्तमान ” मे प्रकशित हुई है जिससे मेरे…
सवाल जीत का है या हार का न मालूम राही, मगर जिंदगी तो हर पल जंग सी लगती है।। – राही (अंजाना)
चल पड़ी उस राह पर,जहां काटें बहुत थे| माँ, तेरी फूल जैसी गोदी से उतरकर ये काटें बहुत चुभ रहे थे| चलते हुए एक ऐसा…
आज मेरे पास सावन की मातृ दिवस की लिंक आई । फिर क्या इसे देखकर मुझे भी सनक आई । फिर मैने भी कलम उठाई…
जब पास तेरे कुछ ना हो उम्मीद किसी से कुछ ना हो अमावस की रात हो काला घाना अंधकार हो तब खुद को तू सवारना…
जब पास तेरे कुछ ना हो उम्मीद किसी से कुछ ना हो अमावस की रात हो काला घाना अंधकार हो तब खुद को तू सवारना…
आजकल नींद सोती है मेरे बिस्तर पर, और मैं तो ख्यालों की दुनिया मैं टहलने निकल जाती हूँ|
मुझको मुझसे जीत कर, खुशियाँ मना रहे थे वो| शायद हारकर जीतने और जीत कर हारने के , उस एहसास से वाकिफ़ न थे वो|
मेरी हर इक ग़ज़ल की अब तक ज़मीन तुम हो ….. मेरा अलिफ़ बे पे से चे और शीन तुम हो …. जज़्बात से बना…
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