“कलमकार”
कलमकार के कलम की स्याही जिस दिन यारों खत्म हो गई,
या तो कोई जुल्म हुआ है उस दिन या वो अात्मा परम् हो गई,
कलमकार के कलम की स्याही जिस दिन यारों खत्म हो गई,
या तो कोई जुल्म हुआ है उस दिन या वो अात्मा परम् हो गई,
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sahi pakde h sahab !!
Haa ji bhaiya g
bahut khoob
Dhanyabad
pleasingly ingenious!!
Thanks for the appreciation
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Good
Awesome