Categories: शेर-ओ-शायरी
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आँखों से बहता पानी…
आँखों से बहता पानी कहाँ एक सा होता है कभी खुद के लिए रोता है, कभी खुदा के लिए रोता है ! कभी कुछ पा…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
वो समुन्दर भी बहुत रोता है
वो समुन्दर भी बहुत रोता है समझ गया एक दिन समुन्दर,तू भी कितना रोता है, खारा है तू खुद में कितना , शायद इंसान से ज्यादा तू दिल ही दिल…
सत्ता का खेल
कल भी वही दौर था, आज भी वही दौर है । पन्ने पलट लो, इतिहास गवाह बतौर है । तख्तो-ताज लूट गये । राजे-महराजे मिट…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
Nice lines
Thank you
जो पाषाण होतें हैं सिर्फ उनका नहीं
इंसानों का हृदय कोमल होता है और दुःखता रहता है…
सुन्दर रचना
जी सही कहा आपने ,बहुत बहुत धन्यवाद
सुंदर
Thank you
Nice
Thank you
आज फिर मौसम नम हुआ, मेरी आँखों की तरह,
शायद बादलों का भी दिल, किसी ने तोड़ा होगा
Thank you