खुदा का फरमान

जब तन्हाइयों में भी आराम आने लगे
जब ख्वाब खुली आँखों
का आसमान पाने लगे
दिल की जमीं जब भीगने
लगे आँसुओं से
चाँदनी रात में जब अरमान
जागने लगे
तब समझ लेना चाहिए कि
दिल का पंछी आजाद हो
चुका है
तेरा साथ छोंड़कर किसी
और का हो चुका है
अरे पगले ! तुझे हो चुकी है
मोहब्बत
या फिर खुदा का तुझको
फरमान आ चुका है..

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Responses

  1. अति सुन्दर रचना, तन्हाइयों में आराम, चांदनी रात में अरमान
    वाह, बहुत सुंदर शब्दावली और भाव पूर्ण अभिव्यक्ति

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