“गलतफहमियां”
कुछ गलतफहमियां
पाल ली तुमने
हमें लेकर
गलत धारणा बना ली
हम बुरे हैं भले हैं जैसे भी हैं
बस तुम्हारे हैं
किसी और की आली
क्यों मान ली तुमने।।
कुछ गलतफहमियां
पाल ली तुमने
हमें लेकर
गलत धारणा बना ली
हम बुरे हैं भले हैं जैसे भी हैं
बस तुम्हारे हैं
किसी और की आली
क्यों मान ली तुमने।।
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अपने शब्दों के माध्यम से अपने भावाभिव्यक्ति को
कागज पर ऐसे उकेरा है।
जैसे वह जीवंत हो उठी हो, सुंदर शिल्प, बेहतरीन शिल्प बेहतरीन कथ्य।।
बहुत-बहुत धन्यवाद इतनी सुंदर समस्या करनी है तो आप हमेशा ही मेरी हौसला अफजाई करते हैं तथा आप हमारे गुरु जी हैं बहुत-बहुत धन्यवाद है आपका ऐसी समीक्षा पढ़कर साहित्य लेखन को और मन करता है
Great
Poem first step
Thanks
सही बात है कभी-कभी कुछ लोग गलतफहमी है पर लिखते हैं और उन्हीं पर जीते रहते हैं
बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ ।
धन्यवाद