गीत
मेरी सांसों पे तेरा अधिकार हो गया।
लो सजना मुझे तुमसे प्यार हो गया।।
ना सूरत पसन्द, ना शोहरत पसन्द
तेरी चाहत पे ऐसा इकरार हो गया।
लो सजना मुझे तुमसे प्यार हो गया।।
मुझे चंदा-सी सूरत नहीं चाहिए।
संगमरमर की मूरत नहीं चाहिए।।
तेरी सीरत हीं तेरा सिंगार हो गया।
लो सजनी मुझे तुमसे प्यार हो गया।।
दूरियां अब अपनी खतम हो गई।
मेरा सजना मैं तेरी सनम हो गई।।
दिल की दुनिया पे अपना अधिकार हो गया।
लो सजना मुझे तुमसे प्यार हो गया।
लो सजनी मुझे तुमसे प्यार हो गया।।
वाह क्या बात है-
दिल की दुनिया पे अपना अधिकार हो गया।
लो सजना मुझे तुमसे प्यार हो गया।
बहुत ही लाजवाब पंक्तियाँ। पूरी रचना सुमधुर है। लेखनी को प्रणाम
बहुत बहुत धन्यवाद पाण्डेयजी
वाह वाह कवि के मनोभावों को व्यक्त करती हुई बहुत ही ख़ूबसूरत कविता ,सुंदर शिल्प से सुसजजित सुमधुर काव्य।अभिवादन भाई जी
दिलो शुक्रिया बहिन
🙏🙏
बहुत सुन्दर
Very nyc