जिंदगी मौत सी

रुह जब लहू होकर रोती है
मौत से जिंदगी जब रूबरू होती है
लौट आते है सारे मंजर नजर में मेरी
जब जिंदगी मौत सी हूबहू होती है

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Responses

  1. रूह और लहू में कोई समानता ना होने के कारण उसकी उपमा देना अनुचित है

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