नशे को दूर भगाओ
नशा नहीं, जिन्दगी बचाओ
त्यौहारों के समय इस तरह
मत जीवन पर दांव लगाओ।
नशा स्वयं से दूर भगाओ।
झगड़े और फसादों की जड़
मद्यपान विवादों की जड़,
अपनी हानि नशे से होती,
इज्जत सबके आगे खोती
मानो इसको एक बीमारी
भरी समस्या इसमें सारी।
नशा न लो जिन्दगी बचाओ।
तन के भीतर कोमल अंग हैं
मद्यपान से सारे तंग हैं,
थोड़ी देर आनन्द रहेगा,
बाकी सब कुछ मंद करेगा।
अतः नशे को दूर भगाओ
जीवन को खुशहाल बनाओ।
नशे के प्रति आगाह करती हुई सुंदर रचना।
बहुत सटीक रचना की है आपने
तन के भीतर कोमल अंग हैं
मद्यपान से सारे तंग हैं,
थोड़ी देर आनन्द रहेगा,
बाकी सब कुछ मंद करेगा।
________ मद्यपान से नुकसान के बारे में बहुत अच्छी तरह से समझाती हुई कवि सतीश जी की बहुत ही श्रेष्ठ रचना, उच्च स्तरीय भाव और उम्दा लेखन…… होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
अतिसुंदर भाव
नशे के नुकसान बताती हुई बहुत सुंदर रचना
अति उत्तम रचना
नशा नहीं, जिन्दगी बचाओ
त्यौहारों के समय इस तरह
मत जीवन पर दांव लगाओ।
नशा स्वयं से दूर भगाओ।
बिल्कुल सही कहा आपने त्योहारों में नशे का कोई काम नहीं होता बल्कि होश में त्यौहार मनाना चाहिए।।
नशा नहीं जिंदगी अपनाओ
बहुत उम्दा रचना है सर , नशा न लो जिन्दगी बचाओ।, वाह