Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
पति और पत्नी
थोड़ी सी दिल्लगी, थोड़ा सा प्यार। थोड़ा सा गुस्सा, ज्यादा ऐतबार। ताज़गी, समर्पण आकर्षण हथियार। एक दूजे को बांधे रहे, गलबहियों के हार। रूठना,मनाना इनसे…
कविता : समय का पहिया
मानो तो मोती ,अनमोल है समय नहीं तो मिट्टी के मोल है समय कभी पाषाण सी कठोरता सा है समय कभी एकान्त नीरसता सा है…
लेख:- आत्महत्या
शीर्षक:- “जीने का लें संकल्प, आत्महत्या नहीं है विकल्प” आत्महत्या यानी खुद ही खुद की हत्या कर लेना।अपने आप ही अपने प्राण ले लेना अर्थात्…
रोशनियाँ उसका पीछा करती रहीं
रोशनियाँ उसका पीछा करती रहीं और वह अंधेरों में छिपता रहा तन्हाइयों में खोता गया और सूरज से आँख मिलाने से डरता रहा दिन दिन…
Badhiya
वाह
Good