न बोलिये बात ऐसी

न बोलिये बात ऐसी कि
डर जायें हम,
आपको देखकर चूक
कर जायें हम।
देखिए लाल आंखों से
यूँ मत हमें,
जिससे कि सचमुच
सिहर जायें हम।

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Responses

  1. माह दिसम्बर के सर्वश्रेष्ठ कवि बनने की बहुत बहुत बधाई।

  2. बहुत सुंदर हास्य कविता, कवि ने झूठ मूट का डर दिखाकर हंसाने की कोशिश की है जो सफल हुई है , काबिले तारीफ रचना

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