Categories: शेर-ओ-शायरी
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हसीनों की वादियों में
हसीनों की वादियों में बदसूरतों को भी रहने दीजिए, दर्द कितना है फ़िज़ाओं में ज़रा हमें भी सहने दीजिए ! जानते हैं वक़्त है आपका…
प्यार का इज़हार होने दीजिए
प्यार का इज़हार होने दीजिए। गुल चमन गुलजार होने दीजिए। खास हो एैसा ही, कोई पल दे दो, वक्त को हम – राज होने दीजिए।…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
लॉक डाउन २.०
लॉक डाउन २.० चौदह अप्रैल दो हज़ार बीस, माननीय प्रधान मंत्री जी की स्पीच । देश के नाम संबोधन, पहुंचा हर जन तक । कई…
वाह
अति सुंदर