प्रश्न
हम क्या हमारा व्यक्तित्व क्या।
अनन्त ब्रह्माण्ड के प्रान्गन में ,
हम क्या हमारा अस्तित्व क्या ।
कब किसके गर्भ में,
कैसे कौन पनप रहा
कैसे कब कौन-सा किसका सुमन
कहाँ किस उपवन में महक रहा
अनेक प्रश्न हैं उदित
यह मन क्यू भटक रहा
अनन्त ब्रह्माण्ड के—–
सुमन आर्या
वाह
सुन्दर
अनंत ब्रह्मांड की विशालता में मानव का अस्तित्व कितना छोटा है very nice poem
धन्यवाद
V nice
Very nice
‘कैसे कब कौन-सा किसका सुमन’ में समाहित प्रश्नवाचको में वृत्यानुप्रास की छटा दिखाई दे रही है। अनन्त ब्रह्मांड में मन भटक रहा है, जबकि मनुष्य का अस्तित्व छोटा सा है, वाह सुन्दर अभिव्यक्ति।
महाशय,धन्यवाद ज्ञापित ।
आपने बहुमूल्य शब्दों से मेरा हौसलाअफजाई किया
पुनः धन्यवाद् ।
प्रश्न अलंकार का सुंदर प्रयोग किया है अतः कला पक्ष बहुत मजबूत है