“फुरसत” #2Liner-97
ღღ__कई बार खुद को, यूँ भी बहलाया है हमने “साहब”;
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कि वो आते तो ज़रूर, मगर फुरसत ही कहाँ होगी!!…..#अक्स
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Anjali Gupta - April 7, 2016, 8:36 am
🙂
Ankit Bhadouria - April 7, 2016, 9:29 am
🙂 🙂 _/\_
मोहन सिंह मानुष - August 22, 2020, 2:42 pm
उम्दा
Pragya Shukla - April 18, 2021, 7:25 pm
👌👌