बस दर्द के शार्गिद में अब नज्में-ए-गम लिखा करते है
वो पूछते है हमसे कि आजकल हम क्या करते है
क्या बताएं कि उनके इंतजार में किस कदर मरते है
अपने अहसास, अपनी आरजू दिल में दबाए रखे है
वो कहते है कि आजकल हम कुछ चुप से रहा करते है
कहते है वो आज से हम बाते नहीं करेंगे आपसे
उनके लफ्जों के सहारे ही लम्हे गुजरा करते है
जाते जाते वो आज जो हमसे खफ़ा हो गये
बस दर्द के शार्गिद में अब नज्में-ए-गम लिखा करते है
Grt job … ?
thanks yaar
bht khoob ….waah !! 🙂
thanks ankit
Vry nice…..bhai
thanks bhai
so much of love is hidden in these lines…great
thanks
nice
thanks anupriya ji
अतिसुन्दर