बारिश
मन किसी सूखी नदी सा हो रहा
आप कहती हो कि बारिश आ गई,
जो ये छींटे पड़ रहे हैं उनसे बस
एक सूनापन सा मन में गड रहा,
कब तलक यूँ ही घिरेगा आसमाँ
बूंदाबांदी ही रहेगी प्यार की,
कब तलक बिछुड़े रहेंगे आप हम
कब तलक बरसेगा खुलकर आसमाँ,
—————- Dr. सतीश पांडेय
वाह जी वाह, saavan में सावन बरस रहा है, तो प्रेम की बारिश जरूर होगी.
Thanks
Nice lines
धन्यवाद जी
बहुत उम्दा 🙏
धन्यवाद जी
सुंदर रचना
धन्यवाद जी
बेहतरीन
sadar dhanyvaad ji
सावन के मौसम में सावन की बात हो अपने आप में बड़ी बात होती है आपकी रचना में प्रकृति का सुंदर वर्णन किया गया है