रिश्ता है बस निभाने का
बस अब और नहीं, गये अब दिन तुम्हारे हैं
हमने हंस हंस के, जो अपनाये अंगारे हैं
ये अंधेरे में सने पूनम की जो रातें हैं
दिये तुमने, पर यही अब संग हमारे हैं ।
गमों की कहाँ परवाह हमको है
खुशी की कहाँ चाह मन को है
मिले जो दर्द तुमसे है
बस उसीकी परवाह हमको है ।
थामा प्यार का दामन जो हमने था
बदला यह , बना कब दर्द का रिश्ता
समझ पाते, क्या है रिश्ते- नाते
पर समझने की धैर्य किसमें था।
खुद को सौंप के तुमको
निभाया फर्ज अर्धांगनी का
ख़बर थी कहाँ हमको
यह नाम का नाता, बस है निभाने को।
अतिसुन्दर
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद
Heart touching lines
बहुत बहुत धन्यवाद
सुन्दर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद
Bahut khoob
बहुत बहुत धन्यवाद
सुंदर
अतिसुंदर अभिव्यक्ति