ले खुशी के रंग(गीतिका छन्द)
ले खुशी के रंग सबको, रंग देना सीखिये,
रंग उनका रंग अपना, मिल सके यह कीजिये।
रंग मन में रंग तन में, रंग जीवन सींचिये,
बेरंग जीवन जूझते , रंग उनको दीजिये।
दर्द में डूबे हुये को, कुछ सहारा कीजिये,
नफरतों को त्यागकर तुम, प्रेमरस को पीजिये।
दूर कोई जा न पाये, पास सबको खींचिये,
नेह रंगों से सभी की, वाटिका को सींचिये।
अति उत्तम रचना
सुंदर सतीश जी
“नेह रंगों से सभी की, वाटिका को सींचिये।”
लाजबाव
रंगो के उत्सव को आमंत्रण देती मधुरतम कविता।
बहुत खूब
ले खुशी के रंग सबको, रंग देना सीखिये,
रंग उनका रंग अपना, मिल सके यह कीजिये।
________लाजवाब अभिव्यक्ति, रंगो के सुन्दर पर्व पर कवि सतीश जी की अति उत्तम रचना
अतिसुंदर भाव
बहुत खूब , लाजवाब
ले खुशी के रंग सबको, रंग देना सीखिये,
रंग उनका रंग अपना, मिल सके यह कीजिये।
रंग मन में रंग तन में, रंग जीवन सींचिये,
बेरंग जीवन जूझते , रंग उनको दीजिये।
होली के त्योहार पर उत्तम कविता