श्रीराम और हनुमान

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हुए जब।
भक्त शिरोमणि हनुमान हुए तब ।।
बन मातु पिता के आज्ञाकारी
श्रीराम अयोध्या छोड़ गए।
श्री राम के सेवा ख़ातिर हनुमत
निज मातु पिता भी छोड़ गए।।
ऐसे स्वामी सेवक को
प्रभुरुप वन्दना करते हैं हम।
‘विनयचंद ‘मर्यादित नर
नारायण कहलाते हैं वर।।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

जिन्हें सब कहते हैं श्रीराम

हैं वह मर्यादा का नाम जिन्हें सब कहते हैं श्रीराम, पुरुषोत्तम, आदर्श संस्थापक, न्यायप्रिय श्रीराम। जन्म हुआ दशरथ जी के घर अयोध्या जैसा धाम, अपमानित…

श्री राम

कथा सुनाऊ पुरुषोत्तम श्री राम की विष्णु रूपी अयोध्या पति नाथ की त्रेता युग में जनम हुआ राजा दशरथ के महल में अयोध्या हुआ पूरा…

Responses

+

New Report

Close