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मीत मेरे

सावन की बूंदें मन में हलचल कर रहीं तुम कहाँ हो मीत मेरे आओ ना, मत रहो यूँ दूर मुझसे आओ ना, मैं मनोहर ऋतु…

मन का मीत

ज़िन्दगी का सफ़र है, कभी कड़वा कभी सुहाना मिलते हैं अच्छे दोस्त यहां, कभी दुश्मन भी मिले माना पर तू चल अपनी राह पथिक, ज़िन्दगी…

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