Categories: शेर-ओ-शायरी
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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रहम करना ज़रा मौला
रहम करना ज़रा मौला, नमाजी हूँ तेरा मौला। तू ही तो मीत है मेरा, तू ही तो गीत है मेरा॥ किसी को गैर ना…
जो मर मर के जिया
जो मर मर के जिया, वोह ख़ुद का ना मीत जो ना हुआ ख़ुद का मीत, वोह कैसा तेरा मीत ……यूई
मन मेरे
आज ये मन मेरे , मीत अपना ढूंढ ले खींच ले जो मीत को, मीत ऐसा ढूंढ ले -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
मीत मेरे
सावन की बूंदें मन में हलचल कर रहीं तुम कहाँ हो मीत मेरे आओ ना, मत रहो यूँ दूर मुझसे आओ ना, मैं मनोहर ऋतु…
मन का मीत
ज़िन्दगी का सफ़र है, कभी कड़वा कभी सुहाना मिलते हैं अच्छे दोस्त यहां, कभी दुश्मन भी मिले माना पर तू चल अपनी राह पथिक, ज़िन्दगी…
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