हम मिलें
तोड़ कर हद , ज़माने की ,
हम कहीं दूर , सितारों में मिलें ,
बहा लाए , वहीं , वक़्त फिर से ,
बिछड़ी कश्ती से हम, किनारों पे मिलें ,
हों , रस्म-ए-दुनिया , से रिहा हम-तुम ,
साथ गुलशन में जब , बहारों में खिलें ,
छोड़ जाए , ये ज़िक्र , हीना की खुशबू ,
फूल जब-जब , तेरी किताबों में मिलें ,
तोड़ कर हद , ज़माने की ,
हम कहीं दूर , सितारों में मिलें ।
लगातार अपडेट रहने के लिए सावन से फ़ेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, पिन्टरेस्ट पर जुड़े|
यदि आपको सावन पर किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें हमारे फ़ेसबुक पेज पर सूचित करें|
देवेश साखरे 'देव' - December 15, 2019, 6:20 pm
बहुत खूब
Devansh Yadav - December 16, 2019, 12:52 pm
Shukriya
Abhishek kumar - December 15, 2019, 10:34 pm
Good
Devansh Yadav - December 16, 2019, 12:53 pm
Shukriya
Abhishek kumar - December 16, 2019, 5:28 pm
Swagat
Amod Kumar Ray - December 16, 2019, 1:50 am
Good
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 16, 2019, 6:01 am
Nice
Pragya Shukla - December 16, 2019, 10:40 am
Good
Devansh Yadav - December 16, 2019, 12:53 pm
Shukriya
Pragya Shukla - December 16, 2019, 2:40 pm
वेलकम
Poonam singh - December 16, 2019, 2:43 pm
Good
Satish Pandey - July 13, 2020, 10:38 am
वाह, वाह
Satish Pandey - July 13, 2020, 10:38 am
अतिसुन्दर