Categories: शेर-ओ-शायरी
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कविनिकेतन
यह कविता एक ऐसे आवास के विषय में है जो सिर्फ कवि या लेखकों के मन में निर्मित है। कवियों के उस आवास को मैंने…
आओ सब मिलकर नव वर्ष मनाएं…
सुखद हो जीवन हम सबका क्लेश पीड़ा दूर हो जाए स्वप्न हों साकार सभी के हर्ष से भरपूर हो जाएं मिलन के सुरों से बजे…
शायरी संग्रह भाग 3
मेरे इलाही मेरे रक़ीब को सलामत रखना। वो भी रोयेंगे मेरे मह़सर में।।1।। विकास कुमार कमति मेर रक़ीब मेरे माशुक को गुल दे दो।…
“अब और ना हों निर्भया काण्ड”
निडर होकर निकले हर लड़की काश ! ऐसा भी दिन आए, बेटों से डर ना लगे हर बेटा पूजा जाए… कर्म हों सबके अच्छे संस्कार…
बरसात
ये कहानी कुछ यूँ तय्यार हों गयीं की एक शख़्सियत बस उनपर फ़िदा हों गयीं ..! बस देखने से ही शूरवात हों गयीं फिर तो…
वाह
वाह
✍️👏👏
सुन्दर व
सुन्दर
उत्तम विचार