ज़िन्दगी की राहें
ज़िन्दगी की राहें,
सदा कुछ सिखाती ही जाएँ।
कुछ लोग हाथ पकड़ कर,
काम निकाल, छोड़ दें झटक कर।
पकड़ कर राह सच्चाई की,
कुछ निभाएँ साथ भी।
रंग-बिरंगी दुनिया है यह,
रंग सभी दिखलाते हैं
कुछ पक्के कुछ कच्चे रंग।
यहां-वहां दिख ही जाते हैं।।
______✍️गीता
कुछ लोग हाथ पकड़ कर,
काम निकाल, छोड़ दें झटक कर।
बहुत सुंदर रचना
समीक्षा हेतु आभार सर
रंग-बिरंगी दुनिया है यह,
रंग सभी दिखलाते हैं
कुछ पक्के कुछ कच्चे रंग।
यहां-वहां दिख ही जाते हैं।।
——– बहुत खूब, अति सुंदर रचना। भावों की गहराई बहुत शानदार है। सुन्दर भाषा सुन्दर शिल्प
इस प्रेरक और उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी, अभिवादन सर
बहुत ही शानदार रचना
बहुत-बहुत धन्यवाद पीयूष जी
वाह गीता जी वाह
सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार कमला जी🙏
JAY ram JEE ki
जय श्री राम
अतिसुंदर रचना
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
बहुत ही उम्दा अभिव्यक्ति शानदार लेखन