माँ

ममता के आइने मे प्यारी सी सूरत है माँ,
सूरज की धूप मे छाया का आँचल है माँ,
दुखों के समन्दर में सुख का किनारा है माँ,
दुनियॉ की भीड़ में सकून का ठिकना है माँ,
अँधेरी कोठरी में रौशनी का उजाला है माँ,
प्रेम और स्नेह में प्रकर्ति की गोद है माँ।
बेमोल अलंकारों में अनमोल नगीना है माँ,
निराकार भगवान की साकार प्रतिमा है माँ॥
राही#

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

ममता

ममता किसने भर दी मन में गाय को बछड़े से ममता है माँ को बेटे से। ये ममता किसने भर दी मन में। ममता जिसने…

Responses

New Report

Close