मैं भारतीय होने पर गर्व करता हूँ
ऋषि मुनियों की जिसकी धरती है स्वर्ग सी जो लगती है गंगा जहाँ पर बहती है दुनिया उसे भारत कहती है इस देश का होने की खुशी मैं मन में अपने भरता हूँ मैं भारतीय होने पर गर्व करता हूँ शौर्य और वीरता हमारे पर्वजों की निशानी है हर व्यक्ति यहाँ का वीर और बलिदानी हैं विश्वगुरु है भारत, ये बात जग ने मानी है ऐसे प्यारे देश के लिए मैं जीता और मरता हूँ मैं भारतीय होने पर गर्व करता हूँ किसान यहाँ के मेहनतवाले, उगाते स्वर्ण से दाने नारी यहाँ की त्याग की मूर्त, झलकती इनमें धरती माँ की सूरत इस देश की मिट्टी को मस्तक पर अपने धरता हूँ मैं भारतीय होने पर गर्व करता हूँ हम सब का भाईचारा बढ़े, भ्रष्टाचार और आतंकवाद मिटे, भारत प्रगति के शिखर चढ़े, ऐसे सपने आँखों में हमेशा रखता हूँ मैं भारतीय होने पर गर्व करता हूँ
देश भक्ति भाव से प्रेरित बहुत ही सुंदर रचना
धन्यवाद
Nice petreotic lines
शुक्रिया
जन्मभूमि भारतमाता के प्रति अगाध प्रेम को दर्शाती बेहतरीन पंक्तियाँ है –
ऋषि मुनियों की जिसकी धरती है स्वर्ग सी
देश प्रेम से ओतप्रोत आपकी पंक्तियाँ काबिलेतारीफ हैं।
कविता की सराहना करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान जी
उत्तम
आभार
अति उत्तम
बहुत आभार
बहुत सुंदर पंक्तियां
कोटि कोटि धन्यवाद