Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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‘जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव’
हिमाचल के इस मंदिरों के ज़रूर करें दर्शन, मिलेगा सभी कष्टों और दुखों से छुटकारा जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव हिमाचल की खूबसूरती को तो सभी…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कितने ही ख़्वाब
जितने भी ख़्वाब मेरे झूठ के बहाने निकले, उतने ही सच हकीकत के सिरहाने निकले। जितने दुश्मन मेरे घर के, किनारे थे मौजूद, उतने ही…
पिता जी को विदाई
विदा देने में रोता तो कैसे उनके जाने में रोता तो कैसे यात्रा का सफर का है जीवन इन पड़ावों में रोता तो कैसे। वो…
राघवेन्द्र त्रिपाठी
हर रास्ता हमसे तंग हुआ, हम फिर रास्ते की तलाश मे निकले , शजरो शजर की चाहत मे रास्ते महज इत्तेफाक निकले । ठहरे जहाँ…
वाह बहुत खूब
धन्यवाद जी
तंज कसती हुई कविता सुंदर है
बहुत खूब
धन्यवाद जी
सुन्दर
वाह, बहुत ख़ूब