जटायु

झर-झर आँसू बहते उनके झरना बनकर आँखों से। मरणासन्न कर छोड़ा उनको दुष्ट काटकर पाँखों से।। परवाह नहीं थी निज दुख की वश राम नाम…

गोरकुन

कहते हैं किसको हँसना गमगीन ज़िन्दगी है। मिट्टी करे समर्पित अश्कों से बन्दगी है। हरदम रहे वो गीला उसका सदा हीं जून है। क्या नाम…

New Report

Close