क्यों छोटी छोटी बातों को बड़ा बनाते हो

क्यों छोटी -छोटी बातों को बड़ा बनाते हो? भोली-भाली जनताओं से बगावत कराते हो।। क्या कभी जनताओं को सत्य से रुबरू कराते हो? कोड़े कागज…

अधूरे हैं

तुम्हारे होंठों की सरगम बिन मेरे गीत अधूरे हैं। मेरी नजरों से रहते दूर तुम मेरे प्रीत अधूरे हैं। तुम्हें खोकर सारी दुनिया जीतूँ मेरे…

गणपति वंदना

आओ मनाएँ गणपति गणेश को। गौड़ी नन्दन पुत्र महेश को।। लम्बोदर गजवदन विनायक। प्रथम पूज्य सब देव सहायक।। करुणाकर करुणेश को, आओ मनाएँ……।। सिद्धि बुद्धि…

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