Categories: शेर-ओ-शायरी

Panna
Panna.....Ek Khayal...Pathraya Sa!
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अहसास का अहसास …!
अहसास का अहसास …! मुझे अहसास हो रहा है, कि मेरा दिल, न मेरे काबू में, ना मेरे पास, भटक रहा है, जाने क्या आस …
मेरे अल्फाज अब कहाँ रहें, ये तो तेरी मुहब्बत की जहागीर हुई ।
मेरे अल्फाज अब कहाँ रहें, ये तो तेरी मुहब्बत की जहागीर हुई । ये तो तेरे हुश्न-शबाब में खोया है, तेरी मुहब्बत में ये कुछ…
अल्फाज कहां से लाऊं?
दिल में छिपे जो जज्बात है उनके लिए अल्फाज लाऊं कहां से? खुरेडे जा रहे जो मेरे दिल को अंदर ही अंदर उन्हें बयान करने…
ऐसा क्यों है
चारो दिशाओं में छाया इतना कुहा सा क्यों है यहाँ जर्रे जर्रे में बिखरा इतना धुआँ सा क्यों है शहर के चप्पे चप्पे पर तैनात…
Nice
shukriya
बहुत खूब
shukriya
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बहुत ही उम्दा