चाँद
रात की ठंड में
चाँद कैसे चल रहा है,
चाँद तो चाँद है
सितारों का यूँ टिमटिमाना
ठिठुरना लग रहा है।
ओढ़कर कर चादर
नीली आसमां की
सफर यह चल रहा है।
रात की ठंड में
चाँद कैसे चल रहा है,
चाँद तो चाँद है
सितारों का यूँ टिमटिमाना
ठिठुरना लग रहा है।
ओढ़कर कर चादर
नीली आसमां की
सफर यह चल रहा है।
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बहुत खूब
सुन्दर अभिव्यक्ति, keep it up
शानदार लिखा है
“सितारों का यूँ टिमटिमाना ठिठुरना लग रहा है।”
वाह चंद्रा जी सर्द रातों का बहुत ही ख़ूबसूरत चित्रण किया है आपने अपनी इन पंक्तियों में । बहुत सुंदर रचना
बहुत खूब
अतीव सुंदर