हर दिन हम अच्छे होते जायेंगे

हर दिन हम अच्छे होते जायेंगे
बहुत लगाए बाड़ काटों के
अब फूल से कोमल होते जायेंगे

गलत स्पर्धा में हमें नहीं पड़ना
मुरझाये चेहरे अब नहीं गढ़ना
हर चेहरे को सच्ची हंसी से सजायेंगे …

औरों की चीजें बहुत ही भाई
पर मेहनत से घर खूब सजाई
निज मेहनत से हर घर को मह्कायेंगे …

आलसी बन अब हमें नहीं जीना
औरों की गलतियां नहीं सीना
हरी भरी वही धरा फिर वापस लाएंगे …

हर दिन हम अच्छे होते जायेंगे
बहुत लगाए बाड़ काटों के
अब फूल से कोमल होते जायेंगे

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

आलसी तू आलसी है

कविता- आलसी तू आलसी है ————————————– आलसी तू आलसी है तू बेरोजगार नही है आलस छोड़ काम कर वरना तेरी खैर नही है, डिग्री हैं…

Responses

+

New Report

Close