हिन्दी -भाषा
सीमित अक्षर, सीमित मात्राऐं
रचा शब्दों का असीमित भण्डार
बना विशाल वृन्द
भरे शब्दकोश बेशुमार
कैसा खेल रचाया है इन शब्दों ने
महकाया काव्य दरबार
वही शब्द
संभावनाएं अपार
क्षमता भरपूर
भिन्न भाव
अमिल सोच
तीव्र जज़्बात
विपरीत परिस्थितियां
तीक्ष्ण नज़र
अदृश्य विचार
स्पष्ट दृष्टिकोण
नित उदित नवीन रचनाएँ
खिला कवि परिवार
सजा साहित्य संसार
बढ़ाया सम्मान हिंदी ने हिंद का
बीच विश्व विशाल।
सन्देश हर हिन्द वासी को
बना हिंदी-भाषा को अपनी पहचान।
अतिसुंदर
धन्यवाद
बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद
वाह अनु कमाल कर दिया आज तो आपने 👏👏👏👏👏
धन्यवाद प्रज्ञा
मातृभाषा हिंदी को समर्पित बेहतरीन पंक्तियाँ, हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
धन्यवाद
हिंदी की महानता को प्रदर्शित करती सुन्दर प्रस्तुति
शुक्रिया