ღ दर्द ღ #2Liner-5

ღღ__दर्द की चाशनी में, डुबोना भी पड़ता है “साहब”;
.
महज़ इल्म की शायरी में, मिठास नहीं आती !!……..‪#‎अक्स‬

“इल्म = ज्ञान”

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

  1. शायरी इल्म से नही, दिल से होती है
    जब तक न हो इसमें इश्क का नशा
    शेर कहने में नहीं आता मज़ा…

New Report

Close