Categories: शेर-ओ-शायरी
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**बदला नहीं है वो**
वही तल्खियत लहज़े में, वही कशिश अदाओं में, आज फ़िर यही लगा कि बदला नहीं है वो l उसको भी मयस्सर हैं मेरे…
बिकने दो! शराब अभी इस गाँव में…
बिकने दो! शराब अभी इस गाँव में। अभी भी कुछ बच्चे स्कूल जाते हैं घर आकर क ख ग घ गाते हैं। लेकिन कुछ बच्चे…
आब-ए-चश्म
आब-ए-चश्म रातों में न आओ आँख में रात सोने दो, जरा आराम करने दो, सुबह को फिर वही, उनकी जुदाई याद कर के हम, बुला…
मैं हु एक शराबी शराब जानता हू
मैं हु एक शराबी शराब जानता हू कुछ नहीं सिवा इसके नाम जानता हू उतर जाती है ये सीनै में सुकून देने कुछ नहीं में…
रमेश पाल आने वाले है
मुह्हबत में तुम्हे आशु बहाना तक नहीं आया बनारस में रहे और पान खाना तक नहीं आया ये कैसे राश्ते से लेकर चले आये तुम…
Good