Categories: शेर-ओ-शायरी
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आओ दिवाली ऐसी मनाएं
आओ दिवाली ऐसी मनाए , थोड़ी खुशियां हम भी लुटाए। जो तरसे इन खुशियों को इन, आओ दिवाली उन सब की मनाए। थोड़ी मिठाई हम…
हम उस देश के वासी है ।।
हम भारत के वासी है, संस्कृति हमारी पहचान है । सारी जहां में फैली हुई, हमारी मान-सम्मान है । सादगी है हमारी सबसे निराली, अजब…
जीवन भर यह पाप करूँगा
स्वयं टूटकर स्वयं जुडूँगा सब कुछ अपने आप करूँगा। विगत दिनों जो भूलें की हैं उनका पश्चाताप करूँगा।। मेरी त्रुटि थी किया भरोसा मैंने अपने…
कविता – बरखा तुम आओ
कविता – बरखा तुम आओ मिटे जलन तपन गर्मी बरस तुम जाओ | मनाए हम उत्सव तेरा बरखा तुम आओ | तप रहे खेत ताल…
कहते थे क़रीब मेरे दिल के रहना
कहते थे मेरी आँखों में ही रहना कभी फ़ासले दूर कर जाएँ तो क्या कहते थे क़रीब मेरे दिल के रहना जिस्म ना मिल भी…
बहुत सुन्दर रचना
Thank you
सुंदर
धन्यवाद सर
सुन्दर पं्तियां
धन्यवाद जी
😃😃😃👌✍✍✍✍
🙏
बहुत उम्दा
Thank you
खत्म कर दिया किस्सा, अब रुठने मनाने का.. सुना है वो शख्स हैरान है, मेरे इस रवैये से..
धन्यवाद
Oh kya bat hai
धन्यवाद