तुझे दिल में मैं उतार लूं
अभी ना मेरा दीदार कर,
थोड़ा ख़ुद को मैं संवार लूं।
तेरा हर लफ्ज़ हो शहद सा,
तुझे दिल में मैं उतार लूं।
जब मिले तेरी नज़र से, नज़र मेरी,
तेरी छवि जिगर में उतार लूं।
अभी ना मेरा दीदार कर,
थोड़ा ख़ुद को मैं संवार लूं।
तेरा हर लफ्ज़ हो शहद सा,
तुझे दिल में मैं उतार लूं।
जब मिले तेरी नज़र से, नज़र मेरी,
तेरी छवि जिगर में उतार लूं।
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बहुत ही बेहतरीन
बहुत शुक्रिया
Nice lines
Thank you 🙏
खूबसूरत
Thank you pragya ji
वाह क्या कहने।
जी शुक्रिया
Atisunder
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
बहुत खूब
शुक्रिया जी
वास्तव में आपकी रचनाओं में स्नेहिल साहित्य भरा है, लेखनी में जबरदस्त क्षमता है। इतना सुमधुर काव्य, वाह,
इतनी सुंदर समीक्षा के लिए बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद आपका 🙏 आपके उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
बहुत खूब, ग्रेट
शुक्रिया पीयूष जी 🙏