ओ मैया! मोरी

ओ मैया! मोरी पीर बड़ी दुखदायी
सब कहें मोहे नटवर-नागर
माखनचोर कन्हाई।
तेरो लाला बरबस नटखट
कब लघि बात छपाई।
ओ मैया! तेरो कान्हा
माखन बिखराई।
सो खावत सो माखन-मिसरी
ग्वालन खूब खिलायी।
फोड़ दई मोरी मटकी- हांड़ी
गऊवन देत ढिलाई।
पनघट पे नित बंशी बजावत
मोरी सुधि-बुधि सब बिसराई।
राह चलत नित छेड़त नटखट
छोड़े ना मोरि कलाई।
सुनि गोपिन के वचन कन्हैया
मन्द-मन्द मुसकायी।
ना मोसे फूटी मटकी-हांड़ी
नाहि गउवन दियो ढिलाई।
कान पकड़ि खींचे यशोमति माई
रोवत कृष्ण कन्हाई।
ब्रजगोपी सब बैरन लागें
झूठी चुगली करें तोसे माई।
चूमि-चूमि मुख गीलो नित करि
ग्वालिन मोहे रोजु नचाई ।
नाचि-नाचि पग पड़ि गये छाले
कमर लचकि गई माई।
ग्वालिन माखन खारा- खट्टा
बड़ो मीठो लगे तेरो माई।
ग्वाल- बाल सब चोरी कीन्ही
दोष लगावे मोहे माई।
मैं तेरो भोलो-भालो कान्हा
चोरी ना आवे मोहे माई।
कान्हा के सुनि वचन यशोदा
हँसि-हँसि लेति बलाई।
ब्रह्मा, विष्णु, शंकर रीझत
नंदलाला की देखि चतुराई।
मोर-मुकुट प्रभु औरु चन्द्रमुख
‘प्रज्ञा’ बलि-बलि जाई।
‘प्रज्ञा’ के प्रभु कृष्ण-कन्हैया
धन्य यशोदा माई।

काव्यगत सौन्दर्य-
कृष्ण के बाल-चरित्र की शरारतों का सजीव तथा भावात्मक चित्रण।

भाषा:-ब्रज,अवधी
छन्द:-गेय पद
रस:- वात्सल्य
गुण:-माधुर्य
अलंकार:-पुनरुक्ति, अनुप्रास, रूपक, उपमा।

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Responses

  1. Your poem very beautiful
    Most beautiful line.
    U r the best poet.
    Photo par sateek
    Kavita aaapne
    Kuch bhi nahi chodha hai.
    Vaatsaly ka kona-kona jhaaka hai is kavita me.
    Aise hi likhati rahiye

  2. अति उत्तम भावपूर्ण रचना भाषा का सुंदर प्रयोग अति सराहनीय रचना

  3. चित्र के सभी पहलुओं पर सटीक बैठती हुई रचना…
    कला तथा भाव पक्ष दोनों ही बेहद मजबूत है तथा श्री कृष्ण के चरित्र के प्रत्येक बिंदु को बहुत ही भावुकता तथा सारगर्भित आके साथ में चित्रित किया गया है श्री कृष्ण के बाल चरित्र को इस कविता में जीवंत बना दिया गया है बेहद सुंदर सराहनीय रचना

  4. जितनी तारीफ की जाए कम ही है।
    चित्र पर सटीक बैठती हुई कविता
    जय कन्हैया लाल की..

  5. आपकी रचना में सूरदास, रसखान तथा बिहारी की रचनाओं का समागम है ।बहुत ही बारीकी से आपने प्रत्येक बिंदु की अभिव्यंजना की है।
    परिपूर्ण रचना।
    सुंदर भाषा का प्रयोग तथा फोटो को प्रत्येक बिंदु को निखारती हुई परिशिष्ट, परिशुद्ध रचना।

  6. जिस प्रकार आपने कविता के व्याकरण के बारे में बताते हुए श्री कृष्ण के बाल चरित्र को उजागर किया है काबिले तारीफ है फोटो पर एकदम सटीक रचना

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