पतंगा
पतंगे को दीपक की आहोशी में जाकर अच्छा लगा, ज़िन्दगी को मौत की मदहोशी में आकर अच्छा लगा, बन्द रही थी सर्द रातों में कहीं…
पतंगे को दीपक की आहोशी में जाकर अच्छा लगा, ज़िन्दगी को मौत की मदहोशी में आकर अच्छा लगा, बन्द रही थी सर्द रातों में कहीं…
बस यूँही हम मिले और मिलते रहे, थे कली फिर भी फूलों से खिलते रहे, रिश्ते जितने ही हमसे उलझते रहे, उतना ही प्रेम में…
अपनी हथेली पर शहीदों के नाम की मेंहदी रचाता रहा हूँ मैं, खुद ही के रंग में शहादत का रंग मिलाता रहा हूँ मैं, हार…
एक माँ की गोद में एक माँ के लाल आ गए, दोनों ही माँ की आँखों में आसूँ हाल आ गए, रंग माथे दुरंगा लगा…
“नव वर्ष की शुभकामनाएं ” ————————— नव वर्ष की शुभकामनाएं / बच्चों में उत्साह जगाएं | प्रांगन मंदिर संस्कृति अपनाएँ / देवी को सुमधुर गीत…
“पुलवामा शहीदों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजली” पीठ पे वार करना, तुम्हारी पुरानी कुनीति है। आमने – सामने की रण, तुमने कब जीती है। कायरता के प्रमाण…
सच की दीवारों पर झूठ की तस्वीरें दिखाई गईं, जब भी सर उठाया तो बस शमशीरें दिखाई गई, बैठा ही रहा मैं भी शहंशाहों सा…
इक पूरा इंसान था ये सारा जहान एक हाथ काट गया बंगाल और दूसरे हाथ पाकिस्तान बिच में रह गया मेरा भारत महान कश्मीर पर…
हसीनों से क्या माँगे कोई जो नज़र ही नहीं मिलाती मर मिटे उसके लिए कोई जो जहर ही नहीं पिलाती !
प्यार करने की कोई वजह नहीं होती दिलजलों के लिए कोई जगह नहीं होती !
बहुत खूब लिखती हैं आप जैसे कोई कद्रदान मिला आपकी सायरी पढ़कर लगता है जैसे वरदान मिला !
लिखने को बहुत है पर कोई वजह तो मिले मिलने को बहुत है पर कोई जगह तो मिले !
Always try to be a good friend and never try to be a lover.
मैं नहीं कहता कि मैने किसी से प्यार नहीं किया, हाँ किया मगर किसी ने भी मुझे स्वीकार नहीं किया !
Love is natural law, no body can avoid it.
कविता बहती है कविता तो केवल व्यथा नहीं, निष्ठुर, दारुण कोई कथा नहीं, या कवि शामिल थोड़ा इसमें, या तू भी थोड़ा, वृथा नहीं। सच…
तुम अपना न सही तो पराया ही कह दो, के मुझे झूठे मुँह अपना साया ही कह दो, इससे पहले के बन्द हो न जाएँ…
मरता किसान जमीं को खोदकर अपना आसमान ढूंढते है पसीने की हर एक बूँद से अनाज उगाते है सबके मोहताज होने के बाद भी यह…
कुछ बीते पलों की बात थी उनसे हुई पहली मुलाकात थी रुक तो गया था वह शमां क्योंकि झुकी हुई पलकों की वो पहली शुरुआत…
जमीं को खोदकर अपना आसमान ढूंढते है पसीने की हर एक बूँद से अनाज उगाते है सबके मोहताज होने के बाद भी यह किसान हम…
“हम खुद काम जल्दी कराने के लिये रिश्वत देते है फिर देश मे भ्रष्टाचार बहुत है ये सोच कर हमे बुरा क्यो लगता है…………. हम…
सांसों की आवाज़ एक दूजे को सुनाई जाती है, होटों पर अक्सर ही ख़ामोशी दिखाई जाती है, एक चेहरे पर एक चेहरा कुछ इस कदर…
फिज़ा में खुशबू, पहचानी सी है। छिपी कहां, मुझमें तू सानी सी है। ढूंढे उसे जो खुद से अलग हो , मैं जिस्म और तू…
हसीनों की वादियों में बदसूरतों को भी रहने दीजिए, दर्द कितना है फ़िज़ाओं में ज़रा हमें भी सहने दीजिए ! जानते हैं वक़्त है आपका…
जो भी जी में आए फेकिए जनाब तवा पे अपनी रोटी सेकिए जनाब गाय के नाम पे इंसानों को बाँटिए फिर तमाशा गौर से देखिए…
Pyar woh hain jo ankhon mein ansu aane na dein, Jo dhund laaye har ek khushi har ek ghum mein.
Tumhe nahi pata… kab tumhaari karmo nazar meri nazar se milte hi dil mein utar jaati hai… Uss roshani ko ghere syaah raat sa kaajal…
शरद की बारिस में, शुभ्र प्रभा भीग रही है, एकांत से आँगन में , वो खड़ी सोच रही है, वह आभास कहाँ? जो मिथक मिटाये,…
ज़िंदगी तुम बहुत ही खूबसूरत हो… ………………..++++……………….. ज़िंदगी तुम बहुत ही खूबसूरत हो… सूनसांन बंजर राहों से हो कर गुज़रती हो फिर भी हँसती खिलखिलाती…
इस कागज़ी बदन को यकीन है बहुत दफ्न होने को दो ग़ज़ ज़मीन है बहुत तुम इंसान हो,तुम चल दोगे यहाँ से पर लाशों पर…
क्या कभी किसी को देखा है ? दर्द से छटपटाते हुए। क्या कभी सुना है तुमने किसी को चुप-चाप चिल्लाते हुए। कठिन बड़ा है उस…
“महिमा अनंत है महलों में दिये की बिस्तर पर तकिये की बारात मे दूल्हे की घर मे चूल्हे की महिमा अनंत है बागों मे माली…
तुम बॉलिवुड अभिनेत्री सी, मैं भागलपुर का अभियंता। तुम भरी विद्वता की चर्चा, मैं चुटकुलों का सन्ता बन्ता। तुम झांसी की रानी जैसी, मैं धरने…
इतनी भी नाराज़गी ठीक नहीं की फासले उम्र भर का हो जाये पल भर का जीना है यारों बेगाने लोगों को छोड़ यहाँ अपनो से…
वो मुझे छोड़कर दुसरे के बाहों मे चैन की नींद सो रही है, और मै सिसक रहा हूँ उनकी तस्वीर को बाहों में लेकर!!
इन्तेक़ाम से इंतज़ार ही बेहतर हैं उम्मीद का दामन पकड़कर थोड़ा चैन से बैठो कभी ना कभी उसे तुम याद आओगे इस अहसास से ज़िन्दगी…
कोई ज़मीं बेचता, कोई आसमां बेचता । दौलत के नशे में चूर, ये ज़हां बेचता । कब परवान चढ़ा, मोहब्बत मुफ्लिशी का, दौलत मोहब्बत का…
होते ही सुबह तेरी तस्वीर से मिलता हूँ। अपनी तमन्नाओं की ज़ागीर से मिलता हूँ। नज़रों को घेर लेता है यादों का समन्दर- चाहत की…
आज फ़िर हाथों में जाम लिए बैठा हूँ। तेरे दर्द का पैगाम लिए बैठा हूँ। वस्ल की निगाहों में ठहरी हैं यादें- आज फ़िर फुरक़त…
अपनी हथेली पर शहीदों के नाम की मेंहदी रचाता रहा हूँ मैं, खुद ही के रंग में शहादत का रंग मिलाता रहा हूँ मैं, हार…
के शायद मुझको ही मेरी बात कहनी नहीं आती, के इस दिल से कोई आवाज़ ज़हनी नहीं आती, गुजरता है ये दिन मेरा यूँहीं ख्वाबों…
ना होली-दिवाली ना ईद रमजान। एक ही जश्न हिफाजत-ए-हिंदुस्तान। गर हो जाऊं शहीद सरहद पे ‘देव’, पहना देना बतौर कफन तिरंगा-महान। गणतंत्र दिवस की हार्दिक…
ममता के मन्दिर की जो मूरत है,दिखने मे बड़ी भोली सूरत है उस माँ को प्रणाम, माँ के चरणों मे प्रणाम। सूना-सूना लगता हे उसके…
तिनको का घोसला था मेरा बरसात में डय गए सपनो के पर थे मेरे उड़ने से पहले बर्बाद हो गए माध्यम वर्ग का यही होता…
दिन और रात के बीच हुई मुलाकात समझनी होगी, कितनी गहरी है ये बात ज़रा एक बार समझनी होगी, शांत रहे तो जिसने भी चाहा…
बदलते राजनीति से मेरी कलम भी मज़बूर हुईं।। ना चाहते हुए भी मेरे विचारों में शामिल हुई।। राजनीति बदल रही है.. हर आँख में मटक…
ये पेशानी पे जो लकीरें सी खिंची हुईं है, आँखों के तले बेनूर रातें सी बिछीं हुईं हैं, ये जो कांपते हाथों में काँच की…
लक्ष्मण और मेघनाद का युद्ध आ गया अंततः वह भी क्षण आरंभ हुआ समर भीषण। दो वीर अडिग, अटल वीरत्व था साक्ष्य धरा का तत्व…
तेरे कांधे पे सर रख, रोना चाहता हूं मां। तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां। तू लोरी गाकर, थपकी देकर सुला दे…
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