गलतफहमी
तीरे-नज़र से दिल जार-जार हुआ।
ऐसा एक बार नहीं, बार-बार हुआ।
देख उनकी तीरे-निगाहें, ऐसा लगा,
कि उन्हें भी हमसे, प्यार-प्यार हुआ।
करीब आते, हकीक़त से वास्ता पड़ा,
मोहब्बत नहीं, दिल पे वार-वार हुआ।
जिंदगी की रहगुज़र में ‘देव’ अकेला,
ना कोई हमसफर, ना यार-यार हुआ।
देवेश साखरे ‘देव’
Waah
शुक्रिया
Good
Thanks
Nice
Thanks
Nice
Thanks
बहुत सुन्दर।
धन्यवाद
वाह-वाह
शुक्रिया
सुन्दर रचना
धन्यवाद
Wellcome
वाह वाह!
शुक्रिया
वाह बहुत खूब