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नज़र ..
प्रेम होता दिलों से है फंसती नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
देश दर्शन
शब्दों की सीमा लांघते शिशुपालो को, कृष्ण का सुदर्शन दिखलाने आया हूं, मैं देश दिखाने आया हूं।। नारी को अबला समझने वालों को, मां…
अपनी अदा देखाकर हुश्न के बाजार में मेरा भाव लगाया तुमने।
अपनी अदा देखाकर हुश्न के बाजार में मेरा भाव लगाया तुमने। मिल गया कोई रईसजादा तो इस मुफलिस गरीब को ठुकराया तुमने।। मेरी मुफलिसी का…
वाह,क्या ख़ूब लिखा है
शुक्रिया
बहुत खूब
शुक्रिया
बात में बहुत दम है ।
गौर से सोचो तो बम है ।।
शुक्रिया
बहुत ही काबिलेतारीफ
शुक्रिया
सुन्दर रचना
काबिले तारीफ
शुक्रिया