*माँ-बाप के चेहरों पर मुस्कान*

November 30, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

ना जाना बड़े मकानों पर
ना जाना उनकी मुस्कानों पर,
ना देख झुक जाना चमक सोने की
ना प्रभाव में आना,सुन खनक सिक्कों की,
जहां बुजुर्गों का हो सम्मान
जहां माँ-बाप के चेहरों पर हो मुस्कान,
जान लेना यह घर अमीरों का है
उस घर के लोगों को प्रणाम

*****✍️गीता

*भलाई*

November 30, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

भलाई करो गर जीवन में,
वह व्यर्थ नहीं जाती है
यह तो बस प्रभु ही जानें,
वह किस रूप में वापस आती है

*****✍️गीता

प्रभु

November 30, 2020 in मुक्तक

जरूरी है मन का झुकना
प्रभु नहीं मिलते हैं,
मात्र सिर झुकाने से..

गुरु-पर्व

November 30, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

संवत् 1526
29 नवंबर 1469
कार्तिक पूर्णिमा के दिन,
पंजाब के तलवंडी गांव में
गुरु नानक जी ने जन्म लिया
जाना गया ये नाम ननकाना साहब नाम से,
वर्तमान में है जो पाकिस्तान में
सिख धर्म के प्रथम गुरु हैं
आज इनका जन्म दिवस है,
प्रकाश-उत्सव और गुरु-पर्व है
पिता का नाम मेहता कालू था
माता तृप्ता देवी थीं और
बहन का नाम नानकी था
विवाह हुआ 1485 में,
पत्नी का नाम था सुलक्षिणी देवी
दो पुत्र रत्न हुए नानक जी के
श्री चंद और लक्ष्मी चंद
गुरु नानक जी के कुछ मुख्य कथन:–
मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देता है अहंकार
इसी लिए गुरु नानक जी ने,
मंत्र दिया ” एक ओंकार”
गुरु बिन मानव दुखी रहे,
गुरु मिल जाए तो सुखी रहें
धन-माया का स्थान हो,
केवल अपनी जेब में,
ह्रदय में माया मत रखो,
ये ज्ञान दिया है नानक ने
स्वयं पर रखो पूरा विश्वास,
तभी प्रभु करेंगे पूरी आस
प्रभु की कृपा से ही मोक्ष मिले,
गुरु नानक जी का ये पैगाम
इसीलिए इस जग में,
गुरु नानक जी का ऊंचा नाम
अनमोल हैं उनके ये वचन
आज उनके जन्म-दिवस पर,
गुरु नानक जी को मेरा
शत् शत् नमन

*****✍️गीता

*कसम से*

November 29, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

*कसम से*
अब आप बिन रहा नहीं जाता
किसी से कुछ कहा भी नहीं जाता
हर पल आपकी कमी महसूस होती है
हर दम अधूरी जमीं महसूस होती है
कितनी भी मसरूफ़ रहूं,
एक आहट सी आती है
सूखे पत्तों सी बिखर जाती हूं
तस्वीर तुम्हारी देख कर निखर जाती हूं
आपकी यादें सुबह से शाम कर देती हैं,
सच पूछो तो परेशान कर देती हैं
यादों से कहो, यूं ना आया करें,
हमें हरदम यूं ना सताया करें
निशा का तीसरा पहर हो रहा है,
देखो ना सारा संसार सो रहा है
जब सारा जहां आराम करता है,
ये चमकता चांद हमें परेशान करता है ।।

*****✍️गीता

देव-दिवाली

November 29, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कार्तिक पूर्णिमा की
देव-दिवाली आई है
काशी में ख़ुशियां छाई हैं
ज्योति-पर्व है देवों का,
ये देवों की दिवाली है
काशी के गंगा-घाट पर,
सुर दीप जलाते हैं आकर
स्वर्ग-लोक में छाई खुशहाली है
आज देवों की दिवाली है
शिव-शंकर ने आज के दिन,
त्रिपुरासुर नामक असुर का संहार किया
देवों का उद्धार किया
इसी खुशी में सारे सुर मिलकर
देव-दिवाली मनाते हैं
गीत खुशी के गाते हैं
गंगा-घाट पर जगमग दीपों की माला है
यहां चारों ओर उजाला है
हर मन्दिर है दीपों से रौशन,
उज्ज्वल छटा निराली है
आज देवों की दिवाली है

*****✍️गीता

*एक था बंजारा एक युवरानी*

November 28, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

भूली-बिसरी याद पुरानी,
आज सुनाऊं एक कहानी
एक था बंजारा एक युवरानी
परवान चढ़ी थी प्रेम-कहानी
प्रेम कहां छिपता है लेकिन
ख़ुशबू सा वो फैल गया
बात फैली राजा तक आई,
राजा ने सुनी उसने भृकुटि तानी
बंजारे को धमकी दे दी
दूर चला जा छोड़ राजधानी
बंजारे ने एक ना मानी,
देनी पड़ी जान की कुर्बानी
ये सुन विष-पान कर गई युवरानी,
सबकी आंख में आया पानी
यही है सच्ची मोहब्बत की कहानी

*****✍️गीता

“कोरोना का कहर”

November 28, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कोरोना का बढ़ गया है,
फ़िर से कहर
हे प्रभु कर दो,
अब तो महर
सर्दी आ रही है,
हमें डरा रही है
सुना है सर्दी में
बढ़ता है इसका कहर
हे प्रभु कर दो अब तो महर
आई है फ़िर से कोरोना की लहर
परेशान हो गया है दिल्ली शहर
भय सा रहता है हर पहर
हे प्रभु कर दो कुछ तो महर
दिल्ली शहर में तो बुरा हाल है,
आपके यहां इसकी क्या चाल है?

*****✍️गीता

*सोनू की चॉकलेट*

November 27, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

सोनू एक प्यारा बच्चा था,
मन का बिल्कुल सच्चा था
चॉकलेट खाने का मन
करता था सोनू का
पर मम्मी से वो डरता था
इसीलिए सोनू चॉकलेट की,
विंडो शॉपिंग करता था ।
दूर-दूर से देख के चॉकलेट,
मन ही मन सोचा करता था
बड़ा हो कर खाऊंगा चॉकलेट
सुन्दर सपने बुनता रहता था
टॉफी भी भाती थी उसको,
पर कैडेबरी पर वो मरता था
इसीलिए सोनू चॉकलेट की
विंडो शॉपिंग करता था ।

*****✍️गीता

भूमिपुत्र का सम्मान करें

November 27, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज अन्नदाता किसान,
राहों पर है परेशान
देश को अन्न देता जो,
भारत माँ की जो है शान
क्यूं आना पड़ा उसे राहों पर,
ये बात कर रही है हैरान
अपने एक हक़ की खातिर,
लड़नी पड़ी लड़ाई है
आखिर ये हक़ है उसका,
उसकी मेहनत की कमाई है
भूमिपुत्र का सम्मान करें हम,
उसकी आंखें ना होने दें नम
आज आवाज़ आई है देखो,
खेतों से उस हलधर की,
जिसकी मेहनत की रंगत से,
भूख मिटे है हर घर की

*****✍️गीता

*हम भी अपना जीवन जी लें*

November 26, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

अपने जब बेगानों संग मिल,
महफ़िल नई सजा लें
हम भी फ़िर राह वो छोड़ें,
मंज़िल नई बना लें
पोंछ के अपनी आंख के आंसू,
हम भी नाचें-गा लें
हम भी अपना जीवन जी लें,
ये नई रीत अपना लें
माना ये आसान नहीं है,
पर वक्त का तकाज़ा यही है
कम कहां हैं इस जीवन की मुश्किलें..

*****✍️गीता

कहानी

November 26, 2020 in शेर-ओ-शायरी

जिसकी जैसी थी कहानी,
वो वैसा किस्सा कह गया
कोई चुनता रहा तिनके यहां,
कोई मोती चुराकर ले गया

*****✍️गीता

तुलसी विवाह की कथा

November 25, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

एक श्राप के कारण,
शालिग्राम बने नारायण
लक्ष्मी माँ ने फ़िर,
अवतार लिया तुलसी का
कार्तिक की एकादशी को,
विवाह-बंधन में बंधे दोबारा
मेहंदी, महावर,बिंदी चूड़ी आदि
सुहाग श्रृंगार होता है,
तुलसी माँ का
लाल चुनर ओढ़ाई जाती,
दीप जलाकर करें वन्दना
हलवा-पूरी का भोग लगाकर
आशीष लिया जाए,तुलसी माँ का

*****✍️गीता

*देवोत्थान एकादशी*

November 25, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कार्तिक मास की,
शुक्ल पक्ष की एकादशी को
देवोत्थान एकादशी आई है
ये प्रबोधिनी एकादशी भी कहलाई है
हर्षोल्लास साथ में लाई है
आषाढ़ मास की,
शुक्ल पक्ष की एकादशी को
चार मास के लिए
देव शयन को जाएं,
शुभ-कारज भी ना हो पाएं
देवोत्थान एकादशी पर
देवों सहित
नारायण निंद्रा से जागें
शुभ-कारज भी होने लागें
प्रारम्भ होवे हर शुभ काम,
श्री गणेश हो लेकर हरि नाम
पद्मनाभ विष्णु जी का होता है आह्वान
पूजा-अर्चना की जाती है,
बना कर उनके पांव
गन्ना, बेर सिंघाड़ा शकरकंद
से लगता है भोग
समस्त परिवार पूजा पर
बैठे हाथों को जोड़
दीप जलाकर करें आरती
पद्मनाभ विष्णु जी की
उठो नारायण, उठो नारायण
से गूंजे घर-बार
प्रभु को शयन से,
उठाया जाए इस प्रकार

*****✍️गीता

*दोस्ती*

November 25, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

निस्वार्थ प्रेम का,
एहसास है दोस्ती
जीवन में घोले,
जो मिठास है दोस्ती
कठिन समय में,
दे साथ है दोस्ती
बिन मांगे मुसीबत में,
काम आए है दोस्ती
भरोसा होता नहीं है,
आजकल हर किसी पर
जिस पर हो जाए भरोसा,
उसका नाम है दोस्ती..

*****✍️गीता

*कान्हा की छवि सा*

November 24, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कान्हा की छवि सा,
मुख पर तेज उगते रवि सा
मेरी गोद में आया था,
वो मेरे मन को भाया था
भोली सी सूरत है उसकी,
कान्हा सी मूरत है उसकी
मैं उसको पाकर हुई निहाल,
उसकी सूरत-सीरत बेमिसाल

*****✍️गीता

कई भरम टूटे इस साल

November 24, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कई भरम टूटे इस साल,
बुरा हुआ इस दिल का हाल
कोई ना मुझसे पूछना,
बता ना पाऊंगी फिलहाल
अश्रु लुढ़क गए गालों पर,
आंखो का रंग हुआ है लाल
कोशिश कर-कर
हार गई हूं
ज़िन्दगी हुई जी का जंजाल
कई भरम टूटे इस साल
कोई ना मुझसे पूछना,
बता ना पाऊंगी फिलहाल..

*****✍️गीता

नील-परिधान

November 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

नील परिधान में जब,
सम्मुख उनके आ गई
उनको देख कर,
मेरी भी नज़र शरमा गई
देख कर हमें वो,
कुछ गुनगुनाने लगे
हम भी कुछ कहना चाहते थे,
बोल ही ना निकले मुख से
कह ही पाए ना कुछ भी,
हया से सिमट के हम
मंद-मंद मुस्काने लगे

*****✍️गीता

*प्रभु का उपहार*

November 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्रभु का उपहार,
है ये ज़िन्दगी
किसी का प्यार,
है ये ज़िन्दगी
कभी जीत तो कभी,
हार है ये ज़िन्दगी
किसी का इन्तजार,
है ये ज़िन्दगी
ना समझना कभी भी,
इसको किसी से कम प्रिय,
कम नहीं है चमत्कार से ये ज़िन्दगी

*****✍️गीता

*प्रतियोगिता*

November 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

****”लघु हास्य-रचना****

कोरोना के कारण,
प्रतियोगिता की पराकाष्ठा हो गई
अभी तक तो परीक्षा तक ही थी सीमित,
अब तो शादी-ब्याह तक भी ही गई
मेहमानों की संख्या सीमित हुई पचास तक,
ऐसा कभी ना हुआ आज तक
दावत खाने के लिए भी,
टॉप पचास में रहना होगा

*****✍️गीता

*माँ*

November 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

“माँ”! से छोटा शब्द ना सुना कोई,
माँ से बड़ा भी ना कोई हुआ
माँ के दिल को खुश रखना सदा,
माँ की लगती है दुआ
माँ, केवल एक शब्द नहीं,
एक व्यक्ति ही नहीं
एक व्यक्तित्व है, हमारा संसार है
माँ, शब्द में छिपा
जीवन का भण्डार है
माँ, शब्द में मेरा बचपन छिपा है,
माँ, शब्द में मेरी छिपी जवानी
बेशक शब्द छोटा है लेकिन,
है एक जीवन की सम्पूर्ण कहानी ।।

*****✍️गीता

*खेतों की हरियाली*

November 22, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

देख के खेतों की हरियाली,
नव-प्रभात ऊषा की लाली
मन विभोर हो उठा है मेरा,
मन मचले मत जा यहां से
कितना सुन्दर गांव है मेरा
पीली-पीली ओढ़ ओढ़नी,
सरसों खड़ी मुस्काए
मीठे गन्ने की पत्ती लहराकर,
अपनी ओर बुलाए
शुद्ध पवन है, ना कोई शोर
कोयल कूके मेरे खेत में,
नृत्य कर रहे हैं मोर
तस्वीर बसा ली आंखों में,
मैंने मेरे गांव की
खेतों की हरियाली की
और उस नीम की छांव की

*****✍️गीता

चिकित्सकों को नमन है मेरा

November 22, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

चिकित्सकों को नमन है मेरा,
चिकित्सकों का है आभार
कठिन समय में साथ है थामा,
बीमारों का हाथ है थामा
है संजीवनी इनके हाथों में,
आधा रोग भगे,इनकी बातों से
मरणासन्न में फूंक दे जान,
धरती पर दूजे भगवान
चिकित्सकों को मेरा प्रणाम,
चिकित्सक हैं कितने महान ।।

*****✍️गीता

पराई धरा

November 21, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

देख-देख कर,
आज के युवा-वर्ग को
सोचता है मन मेरा,
क्या कमी है देश में मेरे
जा बैठे दूर इतनी,
एक पराई धरा
कभी तो याद आती होगी,
स्वदेश की
कभी तो मन मचलता होगा,
निज देश आने को
फ़िर क्या है,
जो रोकता उन्हें
ना समझ पाया,
बावरा मन मेरा..

*****✍️गीता

*ज़िन्दगी का काफिला*

November 21, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़िन्दगी की राहों पर,
काफिला चलता गया
जो ठहर गया बिछड़ता गया
सूरज उगता रहा ढलता गया,
मन में कोई ख्वाब पलता गया
किसी की कामयाबी देखकर,
कोई खुश हुआ, कोई जलता गया
बहाने बनाते रहे आप सदा,
काम ज़रूरी था, टलता गया
किसी का साथ दिया वक्त ने,
किसी को वक्त छलता गया

*****✍️गीता

तेरी मोहब्बत में

November 20, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तेरी मोहब्बत में,
इस कदर मसरूफ़ रहे
तेरी मोहब्बत ने,
तन्हाई में भी तन्हा रहने ना दिया

*****✍️गीता

*आधा चांद*

November 20, 2020 in शेर-ओ-शायरी

आज चांद आधा है,
पर उसकी याद पूरी आ रही
सितारे हंस रहे मुझ पर,
मेरा ख्वाब अधूरा रह गया

*****✍️गीता

*अपने नसीब की*..

November 20, 2020 in शेर-ओ-शायरी

आह ! ना लेना कभी,
किसी गरीब की
हर किसी को मिल जाती है,
अपने नसीब की..

*****✍️गीता

मोहब्बत की कहानी

November 20, 2020 in शेर-ओ-शायरी

धीरे-धीरे लौ जलती रही,
धीरे-धीरे शमा पिघलती रही
परवाना दूर से ही मचलता रहा,
हर मोहब्बत की कहानी है यही

*****✍️गीता

*छठ पूजा की पौराणिक कथा*

November 20, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

नि:संतान थे राजा प्रियंवद,
पुत्र-प्राप्ति हेतु किया हवन
प्रशाद की खीर खाकर, रानी मालिनी ने
दिया एक पुत्र को जनम
किन्तु पुत्र जीवित ना था
राजा ले जा रहे थे
पुत्र का अंतिम संस्कार करने
राजा थे शोकाकुल ज्यादा
प्राण त्यागने को आमादा
प्रकट हुई तब एक देव-कन्या,
नाम था उनका देवसेना
बोली, पूजा-व्रत करो मेरा राजन्
होगा तुम्हें प्राप्त पुत्र-रत्न
राजा ने उनका कहा माना,
कार्तिक शुक्ल की षष्टी थी वो
आई थी छठ माता,
राजा को पुत्र मिला था
तभी से ये व्रत-त्यौहार मनाया जाता ।।

*****✍️गीता

*छठ पूजा*

November 20, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

आई आई छठ पूजा है आई,
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की
षष्ठी तिथि को जाए ये मनाई
छठ पूजा की धूम देखो,
चारों ओर है छाई
बच्चों और सुहाग का,
मंगल करती है छठ माई
निर्जला व्रत रखा जाता है,
नदी किनारे होती पूजा
नदी के जल में जाकर,
सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है,
बांस टोकरी में रखते हैं,
गन्ना,ठेकुआ, चावल लड्डू ,केला,नींबू और नारियल
नदी घाट पर एक छोटा सा घर बनाकर
दीप जलाया जाता है
फ़िर जल में खड़े होकर,
फल, मिष्ठान्न चढ़ाकर
छठ मैया को पूजा जाता है,
इस तरह से छठ मैया से
वरदान लिया जाता है
उगते सूरज की पूजा करना,
संसार का विधान है
अस्ताचल सूर्य की आराधना,
ये भारतीयों का निधान है
पहले दिन अस्ताचल सूर्य को
अर्घ्य दिया जाता है,
दूजे दिन फिर उगते सूर्य को
नदी के जल में खड़े होकर
अर्घ्य दिया जाता है
इस तरह से छठ पूजा को
पूर्ण किया जाता है।

*****✍️गीता

रिश्वत

November 19, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

खाद्य-निरीक्षक की चलती थी,
रिश्वत से रोजी-रोटी
लाला ने इन्कार किया तो,
धमकी आ गई मोटी-मोटी
लाला जी के होटल में,
खाना बनता था शुद्ध
लेकिन बिन मोटी रिश्वत के,
अफ़सर हो गया थोड़ा क्रुद्ध
बोला, जांच कराऊंगा,
कैसा तेरा खाना है
ज़रा भी कमी मिली तो,
जेल में पक्का तेरा जाना है
लाला बोले, रहने दो धमकी,
खाना जांच कराओ कभी भी
नहीं डरें हम दादा-गिरी से,
काम करें ईमान-दारी से
खाना जांच हो कर आया,
बिलकुल शुद्ध खाना पाया
लाला जी की हुई जय-जयकार
हर्षित हुए सारे दुकानदार ।।

*तुलसी है जीवन का अमिय*

November 19, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुलसी है जीवन का अमिय,
तुलसी है विष्णु को प्रिय
पावन पौधा तुलसी का,
प्रदूषण से बचाए
पूजनीय है इतना कि,
रोग कीटाणु पास ना आएं
सर्दी खांसी या है बुखार,
तुसली, औषधि गुण समेत है तैयार
तुलसी करती कम तनाव,
वृद्धि करती याददाश्त की
घर-आंगन में इसे लगाओ ।।

*****✍️गीता

चाय की सुगंधि

November 19, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

सुबह-सुबह रसोई से,
चाय की सुगंधि आ रही है
सर्दी के मौसम में मुझे,
अदरक इलायची और तुलसी
की चाय लुभा रही है
ऐसी चाय सुबह-सुबह मिल जाए,
तन-मन में स्फूर्ति आ जाए

*****✍️गीता

*धूप सुनहरी*

November 19, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

धूप सुनहरी बिखर गई है,
सूरज की झोली से
लाल, गुलाबी पीले-पीले,
रंग लगें मौली से
रंगोली के रंग हैं सातों,
धूप संग हैं आए
सूरज ने देखो ना कितने,
सुंदर रंग बिखराए ।।

*****✍️गीता

मुखौटे

November 18, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुखौटे लगा कर,
आते हैं कुछ लोग
कभी हंसाकर कभी रुलाकर,
चले जाते हैं कुछ लोग
कभी जोकर का मुखौटा,
लगाकर हंसाया
कभी भूत-प्रेत का मुखौटा,
लगाकर डराया
मुखौटे लगा कर,
मन बहलाते हैं लोग
ना जाने ऐसा कैसे,
कर पाते हैं कुछ लोग

*****✍️गीता

सुन ले बिटिया रानी

November 18, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्यारी-प्यारी बिटिया रानी,
कहे मां कह एक कहानी
राजा हो या रानी
मां तेरी कविता लिखती है,
कैसे कहे कहानी
फ़िर भी सुन, ओ बिटिया रानी
एक थी झांसी की रानी,
मनु नाम था बचपन का
ब्याह के बाद,लक्ष्मीबाई
हुई झांसी की रानी
राजा जी नि:संतान मरे थे,
करुणा भरी कहानी
सुन ले बिटिया रानी
तीर, तलवार सब सीखे रानी ने,
निज रक्षा की ठानी
साहस भरी कहानी
गोरों से लड़ गई अकेली,
हार ना उसने मानी
हुई कुर्बान स्व-देश पर,
साहसी बहुत थी रानी
वीरता भरी कहानी
तो,आज के युग में बिटिया रानी,
स्वयं को वज्र बनालो
निज रक्षा करने हेतु,
आज के दौर में,
कॉपी कलम उठा लो
निज पैरों पर खड़ी होगी,
जब होगी तू सयानी
सुन ले बिटिया रानी
साथ निभाएंगे तब तेरा सभी,
जी लेना अपनी ज़िन्दगी
पर मत बनना अभिमानी,
अब सो जा बिटिया रानी ।।

*****✍️गीता

यही तो है ज़िन्दगी

November 18, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कभी धूप है खुशियों की,
कभी दर्द की छांव
कभी जीत की आशा,
कभी हार के थक गए पांव
बस, यही तो है ज़िन्दगी..

*****✍️गीता

*इस उपवन में*

November 18, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

चम्पा के फूलों की ख़ुशबू,
ले आई इस ओर
रंग-बिरंगे फूल यहां पर,
कोयल का है शोर
पीले, लाल गुलाब हैं खिलते,
देखो इस उपवन में
मीठे-मीठे सपने खिलते,
अक्सर मेरे मन में

*****✍️गीता

*तो हम जानें*

November 18, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कविता बहुत कही होंगी अब तक,
कहानी कोई कहो तो जानें
सभा तो बहुत सजाई होंगी अब तक,
तन्हा कभी वक्त गुजारो तो जानें
अंजुमन से निकलना है बहुत आसां,
मन से निकल कर दिखाओ तो जानें
ये शहर है अनजानों का मगर,
अगर कोई अपना मिले तो मानें..

*****✍️गीता

*हिम की एक बरसात*

November 17, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

ढ़ल गई है सांझ देखो,
धूमिल सा मंज़र हुआ
चांदी की चादर ओढ़ के,
हर पर्वत सो गया
चांद भी ठिठुरता सा,
बादलों में खो गया
श्वेत-श्वेत दूधिया सी,
सारी नगरी हो गई
हिम की एक बरसात से,
राहें भी कहीं खो गई
सुरमई अंधेरों में,
ये वादियां भी सो गई
मैं सुहाना सा ये मंज़र
देखती हुई जा रही
इन सुन्दर वादियों में,
मैं भी कहीं खो गई

*****✍️गीता

*अच्छा हो अगर कर दो*

November 17, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

सुगंधि सी है मौसम में,
सितार से बज रहे हैं
महक मौसम को मधुर,
अच्छा हो अगर कर दो
गीत गाता है कोई प्रीत के अगर,
छू के अधरों से, उस गीत को
अच्छा हो अमर कर दो
बहुत ही कठिन होता है,
चुराना ज़िन्दगी से कुछ लम्हे
तुम भी कुछ लम्हे चुराओ कभी,
अच्छा हो अगर कर दो

*****✍️गीता

*गुलाबी धूप की ओढ़ चुनरिया*

November 17, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

गुलाबी धूप की,
ओढ़ चुनरिया
देखो सर्दी आई है
ठंडा कोहरा आसमान में,
बादल भी संग लाई है
पर्वतों का सा,मौसम हो जाता
चाय सुहाती है हरदम
बिन शॉल और बिन स्वेटर तो,
निकला सा जाता है दम
ओस की बूंदें गिरे निरन्तर,
पूरी-पूरी रात
ठंडा-ठंडा पानी आता,
जम जाते हैं हाथ
फ़िर भी मन को भाए सर्दी,
कितनी मुझे सुहाए सर्दी

*****✍️गीता

ज़िन्दगी की उलझनें

November 16, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

ये ज़िन्दगी की उलझनें,
काश ! कि ना होती
ये गमों के साए,
पीछे-पीछे ही चले आए
बहुत रोके हमने मगर,
आंखों में अश्क चले ही आए
आप मिले ज़िन्दगी में,
एक सुकून सा आया
सलामत रहें आप,
हमारी यही हैं दुआएं

*****✍️गीता

*आभार आपका*

November 16, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

आप आए मेरी ज़िन्दगी में,
आभार आपका
आपसे जो मिली शुभ-कामनाएं,
आभार आपका
जो दीं आपने दुआएं,
आभार आपका
आपके स्नेह के खिले गुलाब,
आभार आपका
हर पर्व पे मुझे किया याद,
आभार आपका
आप सभी को गीता का धन्यवाद,
आभार आपका

*****✍️गीता

*भाई-दूज का टीका है*

November 16, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

भाई-दूज का टीका है,
जला दीप भी घी का है
भाई-बहन का पावन प्यार,
जाने है सारा संसार
मात-पिता के बाद भी
मायके में भाई-भाभी,
देते स्नेह लाडली को
भाई ना हो तो सब फीका है
आज भाई दूज का टीका है
बचपन में भाई-बहन,
मिल बांट के खाया करते थे
ससुराल में भी, वही आदत रही
सब मायके से ही सीखा है,
आज भाई दूज का टीका है
जला दीप भी घी का है
गोलों पर टीका करके,
शुभ मनाती भाई का
देखो बहन चली मायके,
रोली, मौली सब लेकर
जला दीप घी का है,
आज भाई दूज का टीका है।।

*****✍️गीता

*सावन पर संगीत*

November 15, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

गीता हूं
गीत लिखा करती हूं
अपने मन की
प्रीत लिखा करती हूं
आप आए इस जीवन में,
सुखद सावन से
सावन पर ही, संगीत लिखा करती हूं..

*****✍️गीता

प्रदूषण और ज़िन्दगी

November 15, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्रदूषण बढ़ रहा है,
ज़िन्दगी हो रही है
धुआं-धुआं सी,
सांसों में घुटन है,
अशुद्ध सी पवन है
ज़िन्दगी हो गई है
धुआं-धुआं सी,
ना साफ-साफ कुछ,
देता है दिखाई
ना साफ-साफ सी सांसें
ही आईं
ये कैसी घुटन है,
धुआं-धुआं सी,
दूर से लगता है
धुंध सी छाई
कुछ देता नहीं दिखाई,
ज़िन्दगी हो रही है,
धुआं-धुआं सी..

*****✍️गीता

*गोवर्धन पूजा की कहानी*

November 15, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

देवकी-नन्दन कृष्ण कन्हैया
गोकुल में विराजे हैं
नन्द-यशोदा के लाडले,
मोर मुकुट, कानों में कुण्डल
हस्त मुरलिया साजे है
कुपित होकर इन्द्र ने
जब जल बहुल बरसाया था,
कनिष्ठा पे कृष्ण ने,
गोवर्धन गिरि उठाया था
इन्द्र कुपित थे…
अपनी अवहेलना से
गोवर्धन की पूजा हुई थी,
बदले में उनकी पूजा के
द्वापर युग में, इन्द्र ने,
रौद्र-रूप दिखलाया था
जल बहुत बरसाया था
हुई थी भारी-भरकम वर्षा,
कई दिवस की रात
बृजवासियों का तब,
कान्हा ने दिया था साथ
उनकी रक्षा करने हेतु,
कान्हा ने, गोवर्धन-गिरि उठाया
तभी से कान्हा जी ने,
गोवर्धन-धारी नाम पाया
इन्द्र-देव ने हार थी मानी,
यही है गोवर्धन-पूजा की कहानी

सड़क के उस पार दीवाली

November 14, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

दीवाली के दीप सजाने,
जब आई मैं घर के द्वार
तो मैंने देखा सड़क के उस पार,
एक कुटिया में दो दीए टिमटिमा रहे थे
रौनक भी कुछ ख़ास ना थी,
एक बच्ची कुछ दूर खड़ी थी,
मेरे घर के पास ना थी
फ़िर मैं घर के भीतर आकर,
कुछ फल,मिठाई, दीए,पकवान लेकर
चल पड़ी उस ओर
कानों में पड़ा कुछ शोर
निकट जा रही थी उस कुटिया के,
दूर से जो दीए, टिमटिमाते लग रहे थे
वो अब मुस्कुराते लग रहे हैं
दो बालक बाहर ही मिल गए,
मुझे देख कर उनके मुख खिल गए
उनकी मां भी बाहर आ गई,
बोली,आपके आने से दीदी,
मेरी कुटिया में बहार आ गई
मेरा त्यौहार भी मन जाएगा,
मेरे बच्चे भी खाएंगे मिठाई,वो बोली
मैंने कहा, क्यूं नहीं, तुम्हें भी शुभ-दीवाली

*****✍️गीता

New Report

Close