सरहद के मौसमों में जो बेरंगा हो जाता है
सरहद के मौसमों में जो बेरंगा हो जाता है, तिरंगे से लिपट कर एक दिन वो तिरंगा हो जाता है।। राही (अंजाना) »
सरहद के मौसमों में जो बेरंगा हो जाता है, तिरंगे से लिपट कर एक दिन वो तिरंगा हो जाता है।। राही (अंजाना) »
सालों पहले मिली आजादी के बाद भी आज हम खुद से लड़ रहे हैं हम कैसे मान लें कि हम प्रगति की ओर आगे बढ़ रहे हैं, कहीं सरहद पर पूरे उत्साह से खड़ा जवान देश की सेवा के अवसर से गरवांवित है तो कहीं देश के सीने में शिक्षा देते संस्थानों की छाती पे खड़े होकर कोई आज़ादी के नारे लगा रहा, पक्ष-विपक्ष के इतिहास को बार-बार देश को सँभालने वाले दोहरा रहे हैं समझ नहीं आता क्यों इतने लंबे समय बाद भी एक दूसरे के अच्छे काम... »
मैं अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में दंगा नहीं शांति रहने दो..!! लाल और हरे में मत बांटो, मेरी छत पर तिरंगा रहने दो..!! ??जयहिन्द??✍वाहिद »
Kho jaunga khi m aik din Bo jaunga kuch to m aik din Hounga na jane kha m So jaunga khi m aik din. Mujhe pta h ki kiya hd h meri Pr dr h khi tod na jaun ose khi aik din. Nhi h prbha is duniya ki Khta hu khud se hr aik din jhooti h ye tsli janta hu m Pr khi bhool na jaun ise aik din Haa janta hu m ki So jaunga khi m aik din… »
जय हे भारत स्वर्ण भूमि जय जय जननी, जय कर्म भूमि हे गंगा यमुना ब्रह्म सरस्वती पावन सतलज सिन्ध बहे विन्ध्य हिमालय गिरी अरावली मणि माणिक नवरत्न भरे जलधि हिन्द बंगाल अरब जल स्वर्ण भूमि नित अंक भरे आर्य द्रविड़ मंगोल भूमि हे हिन्दू इसाई यवन मातृ जय जय हे भारत स्वर्ण भूमि जय जय जननी, जय कर्म भूमि हे वाल्मिक मुनि व्यास कालि कवि तुलसी सूर कबीर संत स्वर गूँजे धनुष टंकार राम की गीता का उपदेश गूँजे जय राणा जय... »
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता बहन बेटियों के, इज्ज़त धन सम्मान लुटे बिक गये धरम लुट गये करम, सब ओर गुलामी बू छायी प्राचीन सभ्यता संस्कृति गौरव, भूल गये हम सच्चाई ब्राह्मण कहता हम सर्वशेष्ट, छत्रिय कहता हम शासक है बनिया कहता हम धन कुबेर, हरिजन अछूत बस सेवक है मंदिर मस्जिद स्कूल सभी, जाना हरिजन... »
देश मेरा स्वर्ग भूमि है, अमृत जिस देश का पानी है। जहाँ का हर बच्चा भगत सिंह, हर बहनें झाँसी की रानी है। आर्य जहाँ के निवासी है, गौरवपूर्ण जिसकी कहानी है। जहाँ का हर पिता ईश्वरतुल्य, और हर माता माँ भवानी है। क्षमाशीलता जिसकी उर है, संस्कृति जिसकी पाणि है। जहाँ के हर युवक में जोश है, और बूढे में भी जवानी है। सुख की दरिया जहाँ बहती है, जहाँ न किसी को क्लेश है। इतनी भोली जनता जहाँ के, पत्थर में भी देख... »
जय हिन्द का नारा फिर बुलंद करो टूटे आत्मसम्मान को फिर एक-सार करो चित की चेतना को फिर चिंतित करो आँखों के पानी को फिर लहु मै परिवर्तित करो अधरों की चुप्पी को फिर बाधित करो जय हिन्द का नारा फिर से बुलन्द करो भारत को इन हुक्कमो से फिर मुक्त करो भारत को नारी के सम्मान से फिर शुशुभित करो भारत को भारत वासीयो की एकता से एक करो उठो-२ ऐ देश भक्तो अपने जीवन को सफल करो ! »
गलतियाँ तुमसे भी हुई है , गुनाह हमने भी किये है पत्थर तुमने फेंके , गोलियों के जख्म हमने भी दिए है । गोली से मरे या शहीद हुए पत्थर से; नसले-आदम का खून है आखिर , किसी का सुहाग ,किसी की राखी; किसी की छाती का सुकून है आखिर । कुछ पहल तो करो , हम दौड़े आने को तैयार बैठे है पत्थर की फूल उठाओ , हम बंदूके छोड़े आने को तैयार बैठे है । बंद करो नफ़रत की खेती , स्वर्ग को स्वर्ग ही रहने दो बहुत बोल चुके अल... »
There was a time Totally Different form today Where people were slaves made to work all day It was 69 years ago They got out of this nightmare Carrying the tricoloured flag Freedom they declared And even today we carry The tricoloured flag But why is it found next day In the garbage bag? The leaders those fighters Who risked their lives Was is just for a day? Is this how we re... »
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये। गुलामी में भी हमारे दिल में देश की शान काफी थी, तोड़ देते थे होंसला अंग्रेजो का हममे जान काफी थी, पहनते थे कुर्ता और पाजामा खादी की पहचान काफी थी, गांधी जी के मजबूत इरादों की मुस्कान काफी थी, आजाद भारत देश को स्वतंत्र भाषा विचार को, लड़ कर मर मिट जाने की तैयार फ़ौज काफी थी, गुलामी की जंजीरों से जकड़े रहे हर वीर में, स्वतंत्र भारत माँ को देखने की तस्वीर काफी थी॥ राही (अंज... »
देख तिरंगे की लाचारी कैसे हर्शाएं हम आजादी पर कैसे नांचे कैसे झूमे गायें हम भारत माँ का झंडा जब पैरों के नीचे आता है और जहाँ अफ्जालों पर मार्च निकाला जाता है जिस देश में दीन-हीन कोई पत्ते चाटकर सोता है भूख की खातिर कोई यहाँ जब बच्चे बेच कर रोता है जहाँ अमीरों के हाथो से बेटिया नोची जाती हैं जब कोई सांसद संसद में महिला को गाली दे जाता है मेरे भारत का झंडा तब बिन शोकसभा झुक जाता है इस झंडे को... »
पाकिस्तान की औखात को देखकर ये भाव उठे, कोई गलती हो तो क्षमा करना — जल जला उठा वो सैनिक, जिसमें जान बाकी है, लहु से श्रंगार कर दुंगा, बस यही अहसान बाकी है, काफूर हो उठा हिमगिरी,यह जवां अविनाशी है, महक उठा ये कश्मीर, खुश हो रहा काशी है, किसको क्या फांसी दी,तुम ये क्युँ बतलाते हो, कईयों को मार दिया, क्युँ अब रूह जलाते हो, तुम क्या पाकिस्तानी गोदियों में पले-बढ़े हुए हो, जो ऐक याकूबी मुर्दे पर स... »
मैं आर देख रहा था, मैं पार देख रहा था, बंद लतीफों की खड़े -खड़े मल्हार देख रहा था, सोचा था तंग आकर लिखूंगा ये सब,मगर ये क्या, कागज के टुकडों में दफन विचार देख रहा था, मैं आर देख रहा था, मैं पार देख रहा था, पग भारी है उनके, जिनके किस्सों की भरमार देख रहा था, मैं यहीं कहीं लड़की का चलता-फिरता बाजार देख रहा था, कोशिश मत करो तुम सरकार-ए-आलम बात छुपाने की, जब तुम्हारी ही कली को, बागों में शर्मसार देख र... »
तिरंगा। वस्त्र का टुकडा़नहीं, अस्मिता का मान है। ये तिरंगा विश्व में निज गर्व की पहचान है। केसरी ये रंग पराक्रम शौर्य है स्वाभिमान है। श्वेत वर्णी शान्ति की ये साधना का ध्यान है। ये हरित समृद्धि पट्टी ऐश्वर्य का परिधान है। और चक्र नीला चौबीस घंटे कराता ज्ञान है। दिलों से ऊंचा सदा ही स्थान इसको चाहिए। ये सुरक्षा चादरीबाहों से न नीचा होना चाहिए। नीचे न झुक जाए येे सूचक बने अपमान का। शीश पर धारे फिर... »
यहाँ जिस्म ढकने की जद्दोजहद में… मरते हैं लाखों..कफ़न सीते सीते… जरा गौर से उनके चेहरों को देखो… हँसते हैं कैसे जहर पीते पीते… वो अपने हक से मुखातिब नहीं हैं… नहीं बात ऐसी जरा भी नहीं है… उन्हें ऐसे जीने की आदत पड़ी है… यहाँ जिन्दगी सौ बरस जीते जीते… कल देश में हर जगह जश्न होगा… वादे तुम्हारे समां बांध देंगे… मगर मुफलिसों की बड़ी भीड़ कल भी… खड़ी ही रहेगी तपन सहते सहते… -सोनित »
लहू लुहान जिस्म रक्त आँख में चड़ा हुआ.. गिरा मगर झुका नहीं..पकड़ ध्वजा खड़ा हुआ.. वो सिंह सा दहाड़ता.. वो पर्वतें उखाड़ता.. जो बढ़ रहा है देख तू वो हिन्द का सपूत है.. वो दुश्मनों पे टूटता है देख काल की तरह.. ज्यों धरा पे फूटता घटा विशाल की तरह.. स्वन्त्रता के यज्ञ में वो आहुति चढ़ा हुआ.. जो जल रहा है देख तू वो हिन्द का सपूत है.. वो सोचता है कीमतों में चाहे उसकी जान हो.. मुकुटमणि स्वतंत्रता माँ भारती की श... »
लहू के हरेक बूँद से लिखी हुई कहानी है I मेरे हिन्द की आजादी की गाथा जरा निराली है II विश्वास की नदियाँ यहा, निश्छल सा प्यार था कभी रहते खुशी से सब यहा, न द्वेष लेशमात्र भी कुछ धूर्त आ गए यहा, कपटी दोस्त की तरह इस देश को बेच दिया, हृदय हीन गुलामो की तरह कैद कर दिया हमें अपने ही परिवेश में कुंठित हुआ है जन जन ,देखो आज इस तरह जिस्म पे हुए हरेक जुल्म की निशानी है I मेरे हिन्द की आजादी की गाथा जरा निरा... »
कुर्बानी के दम पे मिली है आजादी •~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~• उनसे ज्यादा है किसी का कोई तो सम्मान बोलो जिसके आगे झुक गया है सारा हिन्दूस्तान बोलो मुक्ति के जो मार्ग पर निकले थे ले अरमान बोलो आखरी वही साँस तक लड़ते हुये बलिदान बोलो मातृभूमि पर जो न्योछावर हो गये, वही प्राण थे भारतमाता के राजदुलारे वही तो प्रिये संतान थे जान की बाजी लगाकर काट बन्धन दासता के बेड़ियों से मुक्त माँ को करने में ही हुये कुर... »
नहीं तिरंगा मात्र ध्वजा ये जय का उदघोष भी है अमर शहीदों का प्रतीक बिस्मिल,भगत,बोस भी है उत्साह रगों में भरता यह क़ुरबानी को तत्पर करता हर देशभक्त हर राष्ट्रभक्त इस पर जीता इस पर मरता जिससे रंग चुराकर प्रकृति माता का श्रृंगार करे मान बढ़ाता वीरों का ये नित उनका सत्कार करे धर्म क्रांति सद्भाव प्रेरणा का देता सन्देश हमें प्राण न्योछवर करने का देता ये उद्देश्य तुम्हें यह पटेल का साहस है और ये भगत की क़ुर... »
तीन रंगों से बना हुआ पहचान हमारी है सारे जग से प्यारा तिरंगा शान हमारी है आन, बान, सम्मान का सूचक राष्ट्रनिष्ठा और ज्ञान का सूचक प्रतीक ये अपने संविधान का है अपने अभिमान का सूचक सारे जग में न्यारा तिरंगा आन हमारी है सारे जग से प्यारा तिरंगा शान हमारी है अमर शहीदों की अभिलाषा ये हर भारतवासी की आशा गर्वित कर देता हर मनु को दूर करे हर मन की निराशा सारे जग में हमारा तिरंगा जान हमारी है सारे जग से प्या... »
लहू है बहता सड़कों में आक्रोश है कुम्हलता गलियों में लफ़्जों मे है क्यों नफ़रत का घर आग है फैली क्यों फिजाओं में रंगो में है क्यों बारूद भरा क्यों दीये अंधेरों में रोते है क्यों अजाने आज चीख रही है क्यों आज हम गोलियां बोते है ममतायें क्यों मायूस है आज बचपन आज बिलख रहा है आज क्यों जल रहे है घर भविष्य भारत का सुलग रहा है है अपने को आजाद कहने वाले जरा आंखे तो उठा, नजरें तो मिला कौन सी आजादी, किसकी आजादी... »
थप थप की आवाज से अचानक मैं चोंक गया इक मासूम सा बच्चा खड़ा था, मेरी कार के बाहर अपने कुछ तिरंगो के साथ बेचना चाहता था शायद कमाना चाहता था कुछ पैसे अपनी मां के लिए या फिर अपनी बहिन को राखी पर कुछ देने के लिए आजादी के मायने मैं जान नहीं पाता हूं किसको है यहां आजादी? कैसी है ये आजादी? किसी की आजादी छीनने की आजादी? या फिर किसी का शोषण करने की आजादी? वो बच्चा, जिसे किसी स्कूल की परेड में भाग लेना था, वह... »
इस देश में अजीब किस्म की बात चल रही है, हिन्दू , मुस्लिम ,सिख ,ईसाई कहने को है सब भाई-भाई ख़ास तौर पर हिन्दू और मुस्लिमान इस कविता में न कोई ऐसा नाम हैं जो हिन्दू या मुसलमान हैं , बल्कि एक हिंदुस्तान हैं सदियों लंबा इतिहास है ये , सारे देशों में ख़ास हैं ये दुनिया कहती है क्या चीज़ हैं ये , गंगा , जमुना तहज़ीब है ये ये देश शिवा,राणा का हैं ; यह देश महाराणा का हैं जय हो , अशोक , महावीर , विक्रमादित... »
Bharat maa ke in stambhon ko shat shat mera pranam hai Ek jawan ek kisaan aur ek vigyaan hai. Bharat maa ke vagyaniko ka kya kehna…. Ye hai hamari matribhumi ka anmol gehna Aaj inki hi badolat udta mangalyaan hai America cheen aur japan bhi hairan hai Bharat maa ke in stambhon ko shat shat mera pranam hai Ek jawan ek kisaan aur ek vigyaan hai Bharat maa ke veer jawano ka kya kehna Balidani a... »
देख तिरंगे की लाचारी कैसे हर्शाएं हम आजादी पर कैसे नांचे कैसे झूमे गायें हम भारत माँ का झंडा जब पैरों के नीचे आता है और जहाँ अफ्जालों पर मार्च निकाला जाता है जिस देश में दीन-हीन कोई पत्ते चाटकर सोता है भूख की खातिर कोई यहाँ जब बच्चे बेच कर रोता है जहाँ अमीरों के हाथो से बेटिया नोची जाती हैं जब कोई सांसद संसद में महिला को गाली दे जाता है मेरे भारत का झंडा तब बिन शोकसभा झुक जाता है इस झंडे को... »
गीत आधार छंद-द्विगुणित चौपाई कुल ३२ मात्राएँ , १६-१६ पर यति ★■◆●★■◆●★■◆●★■◆●★■◆●★■◆◆●★■◆●★■◆●★ आओ तुमको ले चलूँ वहाँ, जिस जगह वीर इक सोया था । डोली थी सजी हुई लेकिन, वह आत्ममुग्ध सा खोया था । आँखों में चमक अजब सी थी, जैसे पौरुष को जीता हो । था मगर उनींदा ज्यों सपनों, को हाला जैसा पीता हो । होंठों पर मुस्कानें लेटीं, खुद का सौभाग्य जताती थीं । उस वीर पुरुष की दिव्य कथा, सम्मान सहित बतलाती थीं । फलद... »
गुलामी में भी हमारे दिल में देश की शान काफी थी, तोड़ देते थे होंसला अंग्रेजो का हममे जान काफी थी, पहनते थे कुर्ता और पाजामा खादी की पहचान काफी थी, गांधी जी के मजबूत इरादों की मुस्कान काफी थी, आजाद भारत देश को स्वतंत्र भाषा विचार को, लड़ कर मर मिट जाने की तैयार फ़ौज काफी थी, गुलामी की जंजीरों से जकड़े रहे हर वीर में, स्वतंत्र भारत माँ को देखने की तस्वीर काफी थी॥ राही (अंजाना) »
ये लहू कह रहा है कि भूल न जाना, न हम कर सके जो वो करके दिखाना, हम मिटे सरहदो पे कोई गम हमें नहीं इस हिन्द की आजादी का , न कोई मोल तुम लगाना कण कण समेट हम धरा से,एक अडिग शैल बन जाएंगे तुम छू सको हर कोर को, एेसा स्वतंत्र नभ दे जाएंगे कभी शूल जो बिखरे हुए हो मुश्किलों के वतन पे, इस देह में उनको समा, कहीं तिरंगे में लिपट जाएंगे I प्रेम का विश्वास का नित दीप तुम जलाना, मेरे हिन्द को विकास के पथ पर तुम ... »
हिन्द के निवासियों धरती माँ पुकारती है उठ खड़े हो जाओ तुम माँ भारती पुकारती है धर्म, जाती-पाती से तुम बाहर आकर भी देख लो आजाद भारत में आज भी मजदूर बंधुआ बने देख लो ये आजादी है या भ्रमजाल वक्त चल रहा ये कैसी चाल भूख की खातिर जहाँ जिस्म बिकते देख लो शौक की खातिर जहाँ जिस्म नुचते देख लो मानव की औकात क्या पशु असुरक्षित हैं, देख लो भारत के कर्णधारों से भविष्य के सितारों से माँ भारती ये पूछती है सच में म... »
आतंकी की महिमा मंडित मंदिर और शिवाले खंडित पशु प्रेमी की होड़ है फ़िर भी बोटी चाट रहे हैं पंडित भ्रष्टों को मिलती है गोदी देशभक्त होते हैं दंडित सत्ता का हर इक दलाल बन बैठा ससुर जिहादी का फ़िर बतलाओ जश्न मनाऊँ मैं कैसी आजादी का ईद खून का खेल हो गयी हत्या रेलमपेल हो गयी होली और दिवाली पर हावी बढ़ती विषबेल हो गयी दोषी घूम रहे हैं बाहर निर्दोषों को जेल हो गयी जुल्म ढह रहा है सब पर ही खास वर्ग आब... »
खल्क ये खुदगर्ज़ होती। आरही नज़र मुझे।। इंकलाब आयेगा ना अब। ये डर सताता अक्सर मुझे।। अशफ़ाक़ की,बिस्मिल की बातें। याद कब तक आएँगी।। शायद जब चेहरे पे तेरे। झुर्रियां पड़ जाएँगी।। क्या भूल गए हो उस भगत को। जान जिसने लुटाई थी।। तेईस में कर तन निछावर। दीवानगी दिखाई थी।। वीरता के रास्तों से आज़ादी घर पर आई थी। बेड़ियों के निशां थे सर पर और खून में नहाईं थी।। आज सूरज वीरता का। बादलों में गुम है।। आधुनिक समय का... »
पंद्रह अगस्त का पावन दिन , वीरों की याद दिलाता है | शहीद हुए जो देश के खातिर , उनकी कथा सुनाता है | तेरह वर्ष की उम्र में आकर , चौदह कोड़े थे खाये | भारत माँ के लिए लड़े और , आजाद चन्द्र शेखर कहलाये | गांधी ,सुभाष, बिस्मिल, रोशन ने , देश के खातिर प्राण दिये | भारत की आजादी के हित , सारे सुख थे त्याग दिये | लाल ,बाल और पाल ने मिलकर , आजादी का बिगुल बजाया | लक्ष्मी, तात्या तोपें ने था , विद्रोह का स्व... »
ये लहू कह रहा है कि भूल न जाना, न हम कर सके जो वो करके दिखाना, हम मिटे सरहदो, पे कोई गम हमें नहीं इस हिन्द की आजादी का , न कोई मोल तुम लगाना I कण कण समेट हम धरा से,एक अडिग शैल बन जाएंगे तुम छू सको हर कोर को, एेसा स्वतंत्र नभ दे जाएंगे कभी शूल जो बिखरे हुए हो मुश्किलों के वतन पे, इस देह में उनको समा, कहीं तिरंगे में लिपट जाएंगे I प्रेम का विश्वास का नित दीप तुम जलाना, मेरे हिन्द को विकास के पथ पर त... »
Suno–sunaai degi tumhe– Bharat maa ki chittkaar Lahoo bahe– jo mere beto ke Kyu hota ja rahaa bekaar…?? Shahaadat mere laal ki Chup pattharro mei simat gyi hai Mujhpar mar mitna mere bachcho ka– Kyu sirf kahaani bankar rah gyi hai.?? Kya sochkar wey hue the qurban Ki-Aisa ho jayega apna Hindustan…..??? Raajneeti ki bayaare—- Dishaaheen bahaa karengi…... »
जहाँ हमें मिलना था वहीं मिलते तो अच्छा था जहाँ दूरियां न होती नजदीकीयां होती वहीं मिलते तो अच्छा था जहाँ फूल खिलते बहारें होती वहीं मिलते तो अच्छा था जहाँ सपने न होते हकीकत होती वही मिलते तो अच्छा था जहाँ वादे न होते भरोसा होता वही मिलते तो अच्छा था जहाँ दुशमनी न होती दोस्ती होती वहीं मिलते तो आच्छा था जहाँ वतन होता हिन्दुस्तान होता वहीं होते तो अच्छा था जहाँ वंदेमातरम् होता जहाँ राष्ट्रीय गान होत... »
हो गए आज़ाद मगर क्या खोया क्या पाया है। आज़ादी के पंखों पर आतंक का गहरा साया है। शहीदों को श्रद्धांजलि सच्ची होगी यही अब के, कम न होने देंगे आन,शान अपना यही सरमाया है। जागो खुद भी नव चेतना ऐसी जगाओ तुम, आपस में लड़ कर हर किसी ने खुद का घर जलाया है। एक हैं हम एक रहेंगे यह नारा भी लगाना है, लहु वीरों का बहते देख दिल अपना भर आया है। न हो जाया कुर्बानी अब वतन के शहीदों की, घर घर तिरंगा लहराएगा बच्चा ब... »
तेरी सुबह बङी निराली है.. तेरी शाम मधुर सुहानी हैं.. एे जानो जिगर से प्यारे वतन.. तेरे वैभव की अमर कहानी हैं वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् है चरण पखावत सिंधु तेरे मस्तक पर सजा हिमाला हैं है पुरब लालिमा सूरज की और पश्चिम उदय उजाला हैं है हरी वसुन्धरा सुख दायी.. तेरे वीरों की अमर कहानी हैं ऐ जानो जिगर से प्यारे वतन तेरे वैभव की अमर कहानी हैं वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् है बाईबिल ... »
Aazaadi ki keemat hamne bahut badi chukaai hai Tab jaa kar hamne ye aazaadi paai hai Ye din hai bahut sunhaira, ye din hai bahut pavitra hindustaan ko aazaad rakhne ki ham sab ne kasam khaai hai Aazaadi ki keemat hamne bahut badi chukaai hai Tab jaa kar hamne ye aazaadi paai hai deshbakhton ne sinchaa hai esko apne khoon se aur bharat maa per apni jaan lutaai hai Aazaadi ki keemat hamne bahut badi... »
जहाँ हिन्दू मिले जहाँ पर मुसलमान मिले उसे हिन्दूस्तान कहते हैं, जहाँ हर मज़हब को एक सा सम्मान मिले उसे हिन्दूस्तान कहते हैं। कहदो उससे जाकर जहां में हमारे मुल्क से अच्छा कोई मुल्क नहीं, जहाँ गुरुग्रंथ बाईबल गीता और कुरान मिले उसे हिन्दूस्तान कहते हैं। जिसने सदियों से संजोऐ रख्खा है इन मोतीयों को एकता के धागे में, जहाँ आँगनों में तुलसी घरों में रहमान मिले उसे हिन्दूस्तान कहते हैं । हमारा वतन हमको ज... »
हम भारत मैं एकता की अखंड जोत जलायेंगै बहकावे में किसी के अब न हम आयेंगे दुख और मुश्किलों से अब ना हम घबरायेंगे रोटी एक हो या आधी मिल बांटकर हम खायेंगे अभी प्रेम हमारा देखा है तुमने जिस दिन रोष हमारा देखोगे खुदा भी बचा न पायेगा खूनी दिन और खूनी रातें कब तिलक खेल ये खेलोगे जाग गया है हिन्दूस्तान जाग गया है बच्चा – बच्चा जाग गया हर नोजवान दंगाईयों को मार – मारकर देश से हम भाग देंगे अब देश... »
????आजादी मुबारक हो???? ???????????? तोते पिंजरे जैसी बोली, खूब बढ़ी आबादी है, पंछी के पर काट दिए है, ये कैसी आजादी है। आजादी ये रूला रही है अब भी भूखे प्यासों को, जाने क्यों ये भुला रही है अब भी भूखे प्यासों को,, आधी आबादी ये अब भी भूख-भूख चिल्लाती है, तन से मन से खाली रहती सब को ही झल्लाती है,, हमने सूखी चिंगारी से, डरते कोई देखा है, हमने एक निवाले खातिर, मरते कोई देखा है,, जन गण मन में बसने वाले... »
कृपया राष्ट्र गान धुन में गायें ********************** तन मन धन न्योछावर कर दें तुम पर भारत माता विज्ञान ज्ञान भंडार भरें सब रखें सदा मन चंगा करुणा दया प्रेम रस बरसे नही हो देश में दंगा और न कुछ हम मांगें बस यह आशिष मांगें विश्व गाए जय गाथा तन मन धन न्योछावर कर दें तुम पर भारत माता वन्दे वन्दे वन्दे जय भारत वन्दे जय हिन्द। आनन्द प्रकाश अग्रोही »
पितरों के तर्पण को जैसे, थाली में खीर जरुरी है, भारत माँ के श्रृंगार को वैसे, ही कश्मीर जरुरी है| चमकी थी जो सत्तावन में, अब वो तलवार जरुरी है, प्यार मोह्हबत बहुत हो गया, अब तो वार जरुरी है | खूब बहा लिया लहू सीमा पर, भारत माँ के लालों ने, जागो नींद से देशवासियों अब, इक हुंकार जरुरी है| भेद ना पाए दुश्मन सीमा को, ऐसी पतवार जरुरी है, और देश के गद्दारों को अब, दुत्कार जरुरी है | ऋषभ जै... »
ये कविता मैने खुद को एक बार बचपन मे रख के,जवानी मे रख के और एक बार खुद को आखिरी सफर मे रह कर महसुस करते हुवे लिखा है,कि हमारे सैनिक भाई क्या सोचते है और ये गंदी सियासत क्या सोचती है, मै आशा करुंगा कि ये आपको पसंद आयेगी, (देशभक्ति के सफ़र मे) बन के बादल तीन रंगो मे निखर आउंगा, एक न्नहा सा देशभक्त हो उभर आउंगा, इस छोटे बदन को वतन से प्रेम है, इस न्नहे कलम को वतन से प्रेम है, जिसे ओढ के मै फक्र से मर... »
आवो ! हम सब नमन करें भारत के वीर सपूतो का ! जिनने आज़ादी के हवन कुंड में अपना सब कुछ होम दिया आवो ! हम सब नमन करें भारत के वीर शहीदों का ! जो नित्य बलिदान दे रहे सीमा पर अपने प्राणों का ! आज़ादी की रक्षा खातिर आवो उनकी आवाज़ सुने पर्वतों के पार से सीमा के हम पहरेदार पड़े रहते खुले मैदानों में नंगी चट्टानों पर बर्फ की सिल्लियों पर या कभी धूल रेत के कोमल गद्दों पर चाँद तारों की महफ़िल को निहारते साथ ही न... »
नत मस्तक शीश झुकाए कतारबद्ध खडा हूं मैं लिए लघु हृदय वीरों संग दौड चला घावो की परवाह किए बिना तत्पर हूं कुछ करने को इस देश के लिए मरने को बना लिया है लक्ष्य अब विजय पताका लहराना बस शीर्ष कारज रहेगा अब »