वो क्या
वो क्या महसूस करेंगे जिनके दिल में भी दिमाग होता है। दिल की जगह रिश्तों में दिमाग ही लगाते हैं ।
वो क्या महसूस करेंगे जिनके दिल में भी दिमाग होता है। दिल की जगह रिश्तों में दिमाग ही लगाते हैं ।
तुम्हें मालूम है हमको मानना खूब आता है । तो आखिर ये बताओ तुम क्यूँ हमसे हमेशा रूठ जाते हो।
आपको रंग डालेगे हाँथ में रंग है पीला। पहले सूखा लगायेंगे भर के पिचकारी में गीला। आप जब गुस्से में आकर के हमपे तिलमिलओगे आपका…
बजे ढोलक बजे नगमे मचे हुढ़दंग होली में रंगी धरती रंगा अम्बर । उड़े है रंग होली में कोई गुब्बारे से खेले तो कोई मरे…
देकर हमको दर्द वो सो रहे हैं । अपनी-अपनी किस्मत है वो हँस रहे हैं और हम रो रहे हैं ।
चलो एक बार हम फिर से दिखावा आज करते हैं तुम पूंछो के कैसे हो? हम कह दें के अच्छे हैं अब तो रातों में…
सब कहते हैं मिट जाती हैं यादें मगर हमदम भूले हुये वो दिन अक्सर याद आते हैं । गुज़रता है इन गलियों से कोई गाते…
अभी तो जीना सीखा है मैनें । अभी तो चलना सीखा है मैने। मेरा मयखाना मत बन्द करो उसकी आँखो से अभी तो पीना सीखा…
सुन्दर है तेरा अफसाना सुन्दर है तेरा नज़राना देख- देख कर हमसे छुपना सुन्दर है तेरा शर्माना ।
तुम आ जाओ तो यूं लगेगा मुझें जैसे चांद खुद आ गया हो ज़मी पे।
उम्मीदों के दरवाज़े पर आस लगाये बैठे हैं । गुजरोगे जिन गलियों से तुम फ़ूल बिछाए बैठे हैं। एक दिन ऐसा भी आएगा शायद मेरे…
मन से मन का मेल ना होतो प्रेम कहानी कैसी है। लब से लब ना टकराये तो साझेदारी कैसी है। तू भी जागे मै भी…
दिल तोड़ने में माहिर है वो। हमसे एक शीशा तक टूटता नहीं। जाकर सीख लेंगे तोड़ने का गुर उन्हें इसके सिवा कुछ सूझता नहीं।
अपनी यादों से कह दो मुझे आया ना करें आना है तो तुम्हें भी अपने साथ लाएं यूंँ रात में अकेले आया ना करें।
हम तुमसे लड़ते तो थे । पर प्यार बहुत करते तो थे। तुम तो इतना रूठ गये हम याद तुम्हें करते तो थे।
माना के हम तेरे जैसे नही मगर हम इतनें बुरे तो नहीं। दोस्त ना मान मगर क्या हम तेरी दुश्मनी के काबिल भी नहीं ।
सपनों में आनें वाला हमदम कैसा हो हमको मिलने वाला दिलबर कैसा हो आज मिला उत्तर जब उनसे नज़र मिली मेरे जीवन का साथी बिल्कुल…
गुमराह करने वाले खुद ही खो गये। ख्वाब में मिलेंगे ये कहतें-कहते वो खुद ही सो गए ।
आज दिन भर उसका मैने इन्तज़ार किया। सोंचा था वो आयेगा मिलने गलत थी, जो उसपर एतबार किया।
बहुत मशहूर है तुम्हारे शहर का शोरगुल। साहब!कही इसमे तुम हो न जाना गुम।।
बहुत तारीफ़ सुनकर आया हूँ मै तेरे शहर मे… सुना है दिन मै भी यहाँ चांद का दीदार होता है।
सूरज की किरणे भी सुबह-सुबह कयामत ढ़ा रही है, पूछ रही है,कैसे है वो?जिनकी तुम्हे याद आ रही है।
बुरा उन्हे कहूँ तो ये बिल्कुल गलत बात होगी……. शायद मै ही बुरा हूँ तो उनसे मुलाकात क्यो होगी..?
मुझमे ही रह गई खामियां या शायद मेरे प्यार में जो तेरी दहलीजें ना पार कर पाये किस बात पर रोयें करे अफसोस अब कैसा…
_”कोरा कागज़ था और कुछ बिखरे हुए लफ़्ज़,_ _ज़िक्र तेरा आया तो सारा कागज़ गुलाबी हो गया !!”_
दांस्ता सुनाऊं और मज़ाक बन जाऊं, बेहतर है मुस्कुराऊं और खामोश रह जाऊं….!!
जब तक नारियल तैल जम न जाये, युगपुरुष केजरीवाल जी मफलर न बाँधने लगे और बोरो प्लस का विज्ञापन आना न चालू हो जाये…… तब…
छिपे हुये दर्द को आज ताज़ा किया है उसने, दिल को बहुत बेकरार फिर से किया है उसने। याद उसकी आती है हर पल तो…
जरूरत पड़ने पर आज मुकर गये हो तुम, जमाने की तरह कितना बदल गये हो तुम। दोस्त!ये मंजर भी गुजर जायेंगे किसी तरह से, पर…
दोस्तो!वो आईना देखकर अपनी नजरे चुराता होगा। अक्स मेरा जब उन्हे आँखों मे नजर आता होगा।।
कहां हैं वो किधर ढूँढू नही मालूम मुझको चले आओ उन्हें आवाज़ देती जा रही हूं मैं । ए खुदा! राह में उन्हें दो पल…
दो इन्सान एक हो जाते हैं । हर रिश्ते से खास हो जाते हैं । नज़रों से दूर होते हैं पर दिल के करीब हो…
सुबह के सपनें सच होते हैं क्या यूं छोटी छोटी बातों पर नाराज़ नहीं होते अपने से खफ़ा होते हैं क्या? प्रज्ञा शुक्ला
तुम ना होतो जीने की आस किसे है तुम होतो धूप की चादर भी ओढ़ लेंगे हम।मलमल के बिस्तर की आस किसे है।
उनकी चाहत में जीती जा रही हूँ मैं यादों को उनकी दिल में सींती जा रही हूँ मैं प्रज्ञा शुक्ला
गुज़र रही है गुज़र जायेगी ये रात भी तेरी यादों में सिमट जायेगी।
ज़िन्दगी बेरंग है कुछ रंग होने चाहिये है सफ़र लम्बा बहुत एक दोस्त होना चाहिए ।
सब रूठे बैठे हैं हमसे जाने क्यूँ , हमने जबसे तुम्हें अपना कह दिया।
हम पीछे रह गये तुम आगे ही सही तुमसे हार कर भी हम जीत गए हैं देखो।
तुम्हारी तस्वीर को सीने से लगा रखा है। यूं महसूस होता है की तुम हो।
कितना अच्छा होता तुम होते और हम होते। कुछ खुशियाँ होतीं कुछ गम होते।
हमने किया था एक वादा तुमसे याद है या भूल गये? कहा था एक दिन छोड़ जायेगें तुम्हें लो छोड़ दिया जी लो तुम।
लो खत्म हो गया मुलाकातों का सिलसिला, जो घर आता था घर भूल गया।
हम जो चाहें वो कर सकते हैं । बस हौंसला बनाकर रखना चाहिए । जरूरी नही जीत ही हांसिल हो, हार भी स्वीकार करनी चाहिए…
छुप कर मेरी बातें सुनते रहते हो। मेरे सपनो की रातें चुनते रहते हो । मिलने की फुर्सत जब तुमको होती है। तो मेरी ही…
आगे बढ़ने का नाम है ज़िन्दगी सफलता ठोकर खाकर ही मिलती है। हँसते रहने का नाम है ज़िन्दगी ।
बात करने से बात बनती है । मुलाकात करने से बात बनती है। कुछ भी तो नही है हमारे पास हमारे हुनर से ही हर…
कुछ सपनॉ की बातें है। कुछ अपनों की बातें हैं। अधूरी कुछ बातें थीं । अधूरी कुछ बातें हैं ।
कुछ सपनॉ की बातें है। कुछ अपनों की बातें हैं। अधूरी कुछ बातें थीं । अधूरी कुछ बातें हैं
धीरे-धीरे बढ़ रहा है काफ़िला। धीरे-धीरे कम हो रहे हैं फासले मंज़िल है बस कुछ ही दूर। तू अपनी हिम्म्मत भांप रे।
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